facebookmetapixel
LIC MF ने कंजम्पशन थीम पर उतारा नया फंड, ₹5,000 से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसाBihar Elections 2025: PM मोदी का RJD-कांग्रेस पर हमला, बोले- महागठबंधन आपस में भिड़ेगाIIHL और Invesco ने मिलाया हाथ, म्युचुअल फंड बिजनेस के लिए ज्वाइंट वेंचर शुरूOYO Bonus Issue: शेयरहोल्डर्स के लिए खुशखबरी, ओयो ने बोनस इश्यू के एप्लीकेशन की डेडलाइन बढ़ाईAadhaar Update Rules: अब ऑनलाइन होगा सब काम, जानें क्या हुए नए बदलावMarket Outlook: कंपनियों के Q2 नतीजों, ग्लोबल रुख से तय होगी भारतीय शेयर बाजार की चालMCap: रिलायंस ने फिर मारी बाजी, निवेशकों की झोली में ₹47 हजार करोड़ की बढ़ोतरीFY26 में GST संग्रह उम्मीद से अधिक, SBI रिपोर्ट ने अनुमानित नुकसान को किया खारिजतीन महीने के बाद FPIs ने भारतीय शेयरों में डाले ₹14,610 करोड़, बाजार में लौटे निवेशकGST 2.0 ने बढ़ाई छोटी कारों की मांग, दोपहिया चालक बन रहे मारुति ग्राहक

इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में तमिलनाडु अव्वल, ऐपल का है बड़ा हाथ

वर्ष 2021-22 में, भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान का कुल निर्यात मूल्य 23.57 अरब डॉलर था।

Last Updated- June 30, 2023 | 11:29 PM IST
Smartphone exports beat estimates, cross $21 billion in FY25 so far

नोकिया के उभार के बेहतरीन समय और इलेक्ट्रॉनिक निर्यात के सुनहरे दौर के बाद पहली बार तमिलनाडु, वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश और कर्नाटक को पीछे छोड़ते हुए भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्यात करने वाला शीर्ष राज्य बन गया है।

उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार इसका एक प्रमुख कारण ऐपल जैसी वैश्विक कंपनियों की ‘चाइना प्लस वन’ रणनीति है जिसके बाद फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन जैसी अनुबंधक कंपनियों और सालकॉम्प जैसे आपूर्तिकर्ताओं ने पिछले साल देश के इलेक्ट्रॉनिक केंद्र के रूप में तमिलनाडु के उभार में अपना योगदान दिया है।

तमिलनाडु ने इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में लगभग दो गुना वृद्धि दर्ज की है जो वर्ष 2021-22 में 1.86 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 5.37 अरब डॉलर हो गया है। दिलचस्प है कि राज्य 2021-22 में कर्नाटक (3.87 अरब डॉलर), उत्तर प्रदेश (3.77 अरब) और महाराष्ट्र (2.08 अरब डॉलर) के बाद इलेक्ट्रॉनिक सामान का तीसरे पायदान वाला निर्यातक था। निर्यात के राज्यवार आंकड़े केवल वर्ष 2017-18 से उपलब्ध हैं।

राज्य की निवेश संवर्धन एजेंसी, गाइडेंस तमिलनाडु के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) वी विष्णु ने कहा, ‘हमारे पास कोई कंपनी पर आधारित विशेष डेटा नहीं है। केंद्र ने ऑनलाइन डेटा प्रकाशित करना शुरू किया जिसके बाद यह पहली बार है जब तमिलनाडु पहले पायदान वाला राज्य बन रहा है। इस वृद्धि में प्रमुख योगदान देने वालों में दूरसंचार, नेटवर्क उपकरण और कंप्यूटर हार्डवेयर हैं।’

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने 1 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य तय किया है जिसे हासिल करने में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की बड़ी भूमिका होने की संभावना है। मई 2021 में द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की नई सरकार के सत्ता में आने के बाद से तमिलनाडु में 227 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए और करीब 2.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश देखा गया है।

Also read: Apple की अब पेमेंट सेक्टर में एंट्री, HDFC बैंक के साथ क्रेडिट कार्ड लाने का बन रहा प्लान

उद्योग के एक सूत्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि 2005 के बाद नोकिया के सुनहरे दौर में राज्य का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात बढ़ रहा था। उन दिनों नोकिया का श्रीपेरंबदूर कारखाना दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल फोन संयंत्र माना जाता था। यहां 8,000 कर्मचारी तीन पालियों में काम करते थे और यहां एक महीने में 1.5 करोड़ से अधिक फोन तैयार किए जाते थे जिनका 110 से अधिक देशों में निर्यात होता था। रिपोर्ट के अनुसार, इसने अपने शीर्ष उत्पादन वाले वर्षों के दौरान एक वर्ष में 2 अरब डॉलर से अधिक के फोन का निर्यात किया।

उद्योग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘नोकिया के दौर में केवल फीचर फोन का विनिर्माण हो रहा था न कि अधिक कीमत वाले फोन की ऐसे में निश्चित रूप से कारोबार में स्वाभाविक रूप से तेजी आनी थी। हालांकि, जहां तक ऐपल की बात है तो कंपनी प्रीमियम फोन तैयार कर रही हैं, ऐसे में निश्चित रूप से मूल्य अधिक होगा।’

वर्ष 2021-22 में, भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान का कुल निर्यात मूल्य 23.57 अरब डॉलर था।

वर्ष 2023-24 के पहले दो महीनों के दौरान भी तमिलनाडु ने लगभग 1.56 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात करके अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा जबकि कर्नाटक ने 66.1 करोड़ डॉलर और उत्तर प्रदेश द्वारा 63.6 करोड़ डॉलर का निर्यात किया था।

जेपी मॉर्गन ने वर्ष 2022 में कहा था कि ऐपल अपने उत्पादन में विविधता लाने के लिए वर्ष 2025 तक अपने 25 प्रतिशत हैंडसेट भारत में बनाने और वर्ष 2022 के अंत तक आईफोन 14 के वैश्विक उत्पादन का 5 प्रतिशत भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही थी।

इसके बाद ही ऐपल के आईफोन बनाने के लिए मशहूर दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता फॉक्सकॉन ने घोषणा की थी कि वह उत्पादन का विस्तार करने के लिए अपनी भारतीय इकाई में 50 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। इसके बाद ऐसी खबरें आई थीं कि वह कर्मचारियों की संख्या करीब 15,000 से बढ़ाकर 18,000 कर सकती है।

Also read: Apple का भारत में बढ़ रहा विश्वास, 2025 तक 18 फीसदी iPhone होंगे देसी!

पिछले साल सितंबर में, ताइवान की पेगाट्रॉन ने चेन्नई में महिंद्रा वर्ल्ड सिटी में एक फैक्टरी का उद्घाटन किया और इस तरह यह भारत में विनिर्माण इकाई स्थापित करने वाली तीसरी ऐपल विक्रेता (फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन के बाद) कंपनी बन गई। इसने इस इकाई में लगभग 1,100 करोड़ रुपये का निवेश किया गया जिससे संभवतः 14,000 नौकरियों के मौके बनेंगे।

वहीं इस साल मार्च में मोबाइल फोन चार्जर की दुनिया की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी और ऐपल इंक की प्रमुख आपूर्तिकर्ता सालकॉम्प ने भी अपनी तमिलनाडु की इकाई में करीब 1,800 करोड़ रुपये के निवेश की योजना की घोषणा की थी।

भारत में ऐपल के 12 आपूर्तिकर्ताओं में से पांच तमिलनाडु में हैं जिसमें फ्लेक्स, होन हाई प्रेसिजन इंडस्ट्री कंपनी, लिंगयी आईटेक, पेगाट्रॉन कॉरपोरेशन, ताइवान सरफेस माउंटिंग टेक्नोलॉजी और झेन डिंग टेक्नोलॉजी होल्डिंग का नाम शामिल है।

First Published - June 30, 2023 | 11:29 PM IST

संबंधित पोस्ट