भारत और नेपाल के बीच व्यापार और सीमा शुल्क परिचालन को प्रभावी और कुशल बनाने के लिए दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों ने बातचीत की। इसमें सीमा पार आपराधिक गतिविधियों और सोना, नशीले पदार्थ और नकली नोट (एफसीएन) सहित प्रतिबंधित सामान की तस्करी रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने पर सहमति बनी।
तस्करी रोकने के लिए सीमा पर प्रभावी प्रबंधन के महत्त्व को स्वीकार करते हुए इस बातचीत में सीमा पर बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने और ट्रांजिट प्रक्रिया के ऑटोमेशन और डिजिटलीकरण पर भी चर्चा हुई। काठमांडू में 10 और 11 अप्रैल को हुई सीमा शुल्क सहयोग पर महानिदेशक स्तर की 21वीं वार्ता के दौरान इन मसलों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने सीमा पार आपराधिक गतिविधियों और सोने, नशीले पदार्थ और नकली नोट की तस्करी पर बात की। इसके अलावा प्रतिबंधित श्रेणी की वस्तुओं जैसे ई-सिगरेट, ई-लाइटर और लहसुन की कुछ किस्मों की तस्करी पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा संवेदनशील वस्तुओं सहित वाणिज्यिक धोखाधड़ी पर भी बैठक के दौरान बात हुई।
सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘वस्तुओं की तस्करी आम चुनौती है, यह स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों ने सक्रिय भागीदारी और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान के साथ सीमा पार तस्करी रोकने पर सहयोग की उम्मीद जताई। दोनों देशों ने अनधिकृत व्यापार पर नियंत्रण करने के लिए जरूरी कदम उठाने और मिलकर काम करने पर सहमति जताई।’बातचीत के एजेंडे में कई प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया था।