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S&P ने बढ़ाई भारत की सॉवरिन क्रेडिट रेटिंग, 18 साल बाद अपग्रेड कर ‘BBB’ किया, अर्थव्यवस्था को माना मजबूत

इस साल दूसरी बार भारत की रेटिंग बढ़ाई गई है। मई में डीबीआरएस ने भारत को बीबीबी रेटिंग दी थी।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- August 14, 2025 | 11:05 PM IST

साख निर्धारित करने वाली वै​श्विक एजेंसी एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने आज भारत की दीर्घकालिक सॉवरिन क्रेडिट रेटिंग निम्नतम निवेश ग्रेड ‘बीबीबी-’ से एक पायदान ऊपर बढ़ाकर ​स्थिर नजरिये के साथ ‘बीबीबी’ कर दी। रेटिंग एजेंसी ने मजबूत आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय मजबूती और महंगाई को काबू में लाने के लिए बेहतर मौद्रिक नीति उपायों का हवाला देते हुए भारत की रेटिंग बढ़ाई है। ‘बीबीबी’ निवेश स्तर की रेटिंग है और इससे पता चलता है कि वह देश अपनी कर्ज देनदारी को आसानी से चुका सकता है।

इस साल दूसरी बार भारत की रेटिंग बढ़ाई गई है। मई में डीबीआरएस ने भारत को बीबीबी रेटिंग दी थी। इस फैसले का स्वागत करते हुए वित्त मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘एसऐंडपी ने पिछली बार जनवरी 2007 में भारत को ‘बीबीबी’ में अपग्रेड किया था। इसलिए यह रेटिंग अपग्रेड 18 साल के अंतराल के बाद हुआ है। रेटिंग बढ़ाया जाना सबूत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतत्व में भारत की अर्थव्यवस्था सही मायने में चुस्त, सक्रिय और सुदृढ़ बनी है।’

वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘ भारत ने अपने मजबूत बुनियादी ढांचे के विकास
और समावेशी विकास के दृ​ष्टिकोण को बनाए रखते हुए राजकोषीय घाटा कम करने को प्राथमिकता दी है। इसलिए रेटिंग बढ़ाई गई है।’

वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी शुल्क का ज्यादा असर नहीं होगा। भारत की साख को राजकोषीय मजबूती के सरकार के संकल्प और व्यय गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों से फायदा हुआ है। इसने चालू वित्त वर्ष में भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया है।

एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात का जीडीपी में महज 1.2 फीसदी योगदान है। ऐसे में जीडीपी वृद्धि पर एकबारगी असर पड़ सकता है लेकिन समग्र प्रभाव मामूली होगा और भारत की दीर्घकालिक वृद्धि की संभावनाओं पर इसका असर नहीं होगा।

एजेंसी ने कहा, ‘भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर अपेक्षाकृत कम निर्भर है और इसकी लगभग 60 फीसदी आर्थिक वृद्धि घरेलू खपत से आती है।’ रेटिंग में यह सुधार अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के भारत को ‘मृत अर्थव्यवस्था’ कहे जाने के कुछ दिन बाद आया है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अगर उसे लगता है कि सार्वजनिक वित्त को मजबूत करने की राजनीतिक प्रतिबद्धता कम हो रही है तो वह रेटिंग घटा सकती है। यदि राजकोषीय घाटा सार्थक रूप से कम हो जाए और सामान्य सरकारी ऋण सकल घरेलू उत्पाद के 6 फीसदी से नीचे आ जाए तो रेटिंग बढ़ाई जा सकती है।

रेटिंग एजेंसी ने भारत की अल्पावधि रेटिंग को उसके सबसे कमजोर निवेश ग्रेड ए-3 से एक पायदान बढ़ाकर ए-2 कर दिया है, जो संतोषजनक क्षमता का प्रतीक है। एसऐंडपी ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 में सामान्य राजकोषीय घाटा कम होकर सकल घरेलू उत्पाद के 7.3 फीसदी और वित्त वर्ष 2029 तक 6.6 फीसदी पर आने का अनुमान है।

एसऐंडपी द्वारा भारत की सॉवरिन रेटिंग को ‘बीबीबी-‘ से ‘बीबीबी’ किए जाने के बाद आज सरकारी बॉन्ड की कीमतों में उछाल आई। दिन के दौरान 10-वर्षीय सरकारी बॉन्ड पर यील्ड में 10 आधार अंकों तक की गिरावट आई, कारोबार के आखिर में मुनाफावसूली का जोर रहा।

First Published : August 14, 2025 | 10:54 PM IST