आगरा, वाराणसी, चेन्नई, पुणे और अहमदाबाद उन 22 शहरों में शामिल हैं जो सरकार के महत्वाकांक्षी ‘स्मार्ट सिटीज मिशन’ के तहत अगले महीने तक अपनी सभी परियोजनाओं का काम पूरा कर लेंगे जिससे वे अपने नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण बेहतर जीवन और एक स्वच्छ एवं टिकाऊ माहौल दे पाएंगे।
अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मिशन के तहत चयनित शेष 78 शहरों में अगले तीन-चार महीने में परियोजनाओं पर काम पूरा हो जाएगा। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 25 जून, 2015 को महत्वाकांक्षी ‘स्मार्ट सिटीज मिशन’ की शुरुआत की थी और जनवरी 2016 से जून 2018 तक चार दौर की प्रतिस्पर्धा के माध्यम से पुनर्विकास के लिए 100 शहरों का चयन किया गया था।
मंत्रालय के अनुसार इस मिशन का उद्देश्य शहरों को विभिन्न मुद्दों पर ‘‘स्मार्ट समाधान’ अपनाने के अलावा मूलभूत बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना और अपने नागरिकों को एक गुणवत्तापूर्ण जीवन और स्वच्छ एवं टिकाऊ माहौल देने के लिए प्रेरित करना है। मार्च तक जिन 22 स्मार्ट शहरों में सभी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी उनमें भोपाल, इंदौर, आगरा, वाराणसी, भुवनेश्वर, चेन्नई, कोयम्बटूर, इरोड, रांची, सलेम, सूरत, उदयपुर, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, काकीनाडा, पुणे, वेल्लोर, पिंपरी-चिंचवड़, मदुरै, अमरावती, तिरुचिरापल्ली और तंजावुर शामिल हैं।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम मार्च तक 22 स्मार्ट शहरों का काम पूरा कर लेंगे क्योंकि इन शहरों में काम अंतिम चरण में है। अगले तीन-चार महीनों में हम शेष शहरों में परियोजना कार्य पूरा कर लेंगे।’’
शहर स्तर पर स्मार्ट सिटीज मिशन का कार्यान्वयन एक विशेष उद्देश्य वाहक (एसपीवी) द्वारा किया जाता है। ये एसपीवी अपनी स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की योजना, कार्यान्वयन, संचालन, निगरानी और मूल्यांकन करते हैं।