दिल्ली के कारोबारी VAT मामले लंबित रहने के कारण परेशान है। अब उनकी यह परेशानी दूर हो सकती है। दिल्ली सरकार ने VAT मामलों पर आपत्तियों को तय समय पर निपटाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को पुराने मामलों को पहले सुनवाई कर निपटाने को कहा गया है।
दिल्ली व्यापार व कर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि VAT कानून के तहत बड़े पैमाने पर ऑब्जेक्शन हियरिंग अथॉरिटीज (OHA), स्पेशल OHA के पास आपत्तियों (objection) की सुनवाई लंबित हैं। विभाग के आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों को इन आपत्तियों को तय समय पर निपटारा करने के निर्देश दिए हैं।
OHA और स्पेशल OHA को सबसे पहले पुराने मामलों की सुनवाई कर आपत्तियों को निपटाने के लिए कहा गया है। फॉर्म-38 की फिजिकल कॉपी अगर उपलब्ध नहीं है या मिल नहीं रही तो डीलर के रिकॉर्ड से जरूरी प्रमाणपत्र, हलफनामा व उचित सत्यापन के साथ फाइल को दुबारा तैयार किया जाए। ऐसे मामलों में अधिकारी इन तथ्यों को अंतिम फैसले में दर्ज करेंगे।
अगर किसी डीलर ने प्रासंगिक दस्तावेज के साथ फिजिकल कॉपी जमा किए बिना ऑनलाइन आपत्ति दाखिल की है तो इस मामले में आपत्ति की सुनवाई को तब तक लंबित नहीं माना जाएगा, जब तक कि डीलर दस्तावेज के साथ फिजिकल कॉपी जमा नहीं कर देता है। आयुक्त ने सभी OHA और स्पेशल OHA को आपत्तियों के लंबित मामलों का उचित रिकॉर्ड या डेटा बनाकर रखने को कहा है। साथ ही इन मामलों का निस्तारण भी करना होगा।
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VAT विभाग ने संबंधित अधिकारियों को आपत्तियों की सुनवाई से पहले कॉज लिस्ट जारी करने को कहा है। आयुक्त ने OHA व स्पेशल OHA को निर्देश दिए हैं कि कारोबारियों द्वारा VAT मामलों पर आपत्तियों की सुनवाई से एक दिन पहले कॉज लिस्ट तैयार करनी होगी। साथ ही इसे वकीलों व कारोबारियों की जानकारी के लिए उचित स्थान पर रखना होगा। रिकवरी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले असेसिंग अथॉरिटी (Assessing authorities) और वार्ड प्रभारियों को संबंधित OHA व स्पेशल OHA से आपत्ति लंबित होने की स्थिति की पुष्टि करनी होगी।