कनाडा और भारत के रिश्ते में आ रही खटास के बीच उच्च शिक्षा के लिए उत्तर अमेरिकी देश जाने वाले भारतीय छात्रों की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। लुधियाना के मूल निवासी जसप्रीत सिंह सोढ़ी (बदला हुआ नाम) ने हाल ही में वैंकूवर फिल्म स्कूल में दाखिला लिया है और उनका कहना है कि कनाडा में भारतीय छात्रों के प्रति लोगों के नजरिये में भी तेजी से बदलाव आया है।
उन्होंने कहा, ‘सिख समुदाय के कई छात्र तनाव में हैं। दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में तनाव के बीच भारतीय छात्रों के साथ-साथ हमें कनाडा के स्कूली दोस्तों के बीच भी संदेह से देखा जाता है।’ एक अन्य छात्रा अमृत कौल (बदला हुआ नाम) भी उच्च शिक्षा की डिग्री के लिए कनाडा के कुछ शीर्ष कॉलेजों में आवेदन करने की योजना बना रही थीं।
उनका कहना है, ‘मैंने जहां से स्नातक पाठ्यक्रम करने के बारे में सोचा था उनमें कनाडा के विश्वविद्यालय शीर्ष प्राथमिकता में थे लेकिन हाल में हिंसा की घटनाओं और उसके बाद दोनों देशों की सरकारों के बीच कूटनीतिक गतिरोध की स्थिति ने मेरी चिंता बढ़ा दी है।’
वह कहती हैं कि भारत से बड़ी संख्या में छात्र कनाडा जाते हैं क्योंकि वहां अमेरिका, ब्रिटेन या ऑस्ट्रेलिया की तुलना में रहने का खर्च कम आता है और शिक्षण शुल्क भी कम है। इसके अलावा कनाडा में भारतीयों का एक बड़ा समुदाय रहता है जिससे भाषा को लेकर भी ज्यादा समस्या नहीं होती है।
ऐसा नहीं है कि कौल अकेली हैं जो विदेश में पढ़ाई करने के लिए पसंदीदा स्थान के रूप में कनाडा को तरजीह दे रही हैं बल्कि ऐसे छात्रों की संख्या अच्छी-खासी है। कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या लगातार बढ़ ही है। इस साल फरवरी में विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 2019 में 2,20,000 भारतीय छात्रों ने कनाडा के कॉलेजों में पढ़ाई के लिए परमिट लिया था।
कनाडा में विदेशी छात्रों की आबादी में भारतीय छात्रों की तादाद 34 प्रतिशत तक है। साल 2022 में 2,26,450 भारतीय छात्र कनाडा गए थे। वर्ष 2013 के बाद से कनाडा में प्रवास करने वाले भारतीयों की संख्या तीन गुना से अधिक हो गई है।
इमिग्रेशन, रिफ्यूजी ऐंड सिटिजनशिप कनाडा (आईआरसीसी) के आंकड़ों के अनुसार कनाडा में स्थायी निवासी बनने वाले भारतीयों की संख्या 2013 के 32,828 से बढ़कर करीब 260 फीसदी बढ़कर 2022 में 1,18,095 हो गई।
कनाडा में पढ़ाई करने को लेकर लोगों की बढ़ती दिलचस्पी के बीच कई भारतीय वीजा घोटालों का भी शिकार बन रहे हैं। खबरों के मुताबिक एक एजेंट ने 700 से अधिक भारतीय छात्रों को अवैध वीजा के जाल में फंसाकर धोखा दिया है।
बहरहाल, बिज़नेस स्टैंडर्ड ने जिन शिक्षा परामर्श सेवाएं देने वालों से बात की, उनमें से अधिकांश ने इस बात पर भी जोर दिया कि छात्रों को आशंकित होने की कोई जरूरत नहीं है और न ही उन्हें अपने कनाडा जाने के सपने को टालना चाहिए।