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PM Vishwakarma Yojana: ऋण अयोग्यता के कारण बढ़ी आवेदन नामंजूरी की दर, बैंकों ने जताई चिंता

पिछले ऋणों और एनपीए इतिहास के कारण पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 13-14% आवेदन हो रहे हैं नामंजूर, बैंकों ने समाधान के लिए डेटा विश्लेषण पर जोर दिया।

Last Updated- January 20, 2025 | 10:20 PM IST
PM Vishwakarma Yojana

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पीएम विश्वकर्मा योजना में चुनिंदा प्रतिबंध लगाए जाने पर चिंता जताई है। यदि किसी ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना आदि किसी योजना से बीते पांच वर्षों में ऋण लिया है तो पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत ऋण लेने के अयोग्य हो जाता है। इस मामले के जानकार वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक इस प्रतिबंध के कारण करीब 13 से 14 प्रतिशत आवेदन नामंजूर किए जाने की दर है।

अधिकारी ने बताया, ‘पीएम विश्वकर्मा में नामंजूर किए जाने की दर मुख्य रूप से पिछले ऋणों की अयोग्यता के कारण है। इसके अलावा आवेदक की गैर निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) का इतिहास होने के कारण आवेदन नामंजूर किए जाने का सामना करना पड़ रहा है।’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2023 को विश्वकर्मा जयंती पर पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्घाटन किया था।

इस योजना का मकसद भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को संजोने के साथ ही पारंपरिक शिल्प कौशल को बढ़ावा देने के साथ विभिन्न पारंपरिक शिल्पों में व्यक्तिगत कौशल को बढ़ावा देना था। अधिकारी ने बताया, ‘बैंकों में आवेदन नामंजूर किए जाने की दर को कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्रम में डेटा विश्लेषण के अलावा पूर्ववर्ती ऋण और चूक के बावजूद अर्हता प्राप्त करने वाले संभावित उम्मीदवारों की पहचान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।’

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 8 जनवरी, 2025 तक इस योजना के तहत कुल 8.23 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे, इसमें से 2.2 लाख आवेदनों को मंजूरी मिली थी और 1.6 लाख आवेदकों को ऋण वितरित किया गया था।

वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवाओं विभाग के सचिव एम. नागराजू ने बीते सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुख और निजी क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वित्तीय समावेशन की प्रगति की समीक्षा की थी।

First Published - January 20, 2025 | 10:20 PM IST

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