भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाएं, थलसेना, नौसेना और वायुसेना बुधवार को पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा पर तैनात रहीं जिसकी जानकारी रक्षा सूत्रों ने दी। शनिवार की शाम पड़ोसी देश के साथ सैन्य गतिरोध में विराम के बाद, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा से जुड़ी कैबिनेट कमेटी की पहली बैठक की अध्यक्षता भी की। बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विराम के बाद सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए और उन्होंने भारत की तैयारी के बारे में चर्चा की।
हाल के दिनों में मंगलवार और बुधवार की मध्यरात्रि पहली ऐसी रात थी जब पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा कोई हवाई घुसपैठ नहीं हुई। हालांकि, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के सूत्रों ने जोर देकर कहा कि दोनों सेनाओं के बीच चार दिन पहले शनिवार शाम 5 बजे से यह तय किया गया कि ‘जमीन, हवा और समुद्र में सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद की जाएगी’ और पाकिस्तान की तरफ से इस सीजफायर के शुरुआती उल्लंघनों के बावजूद इसे कायम रखा गया है। भारतीय सेनाएं सतर्क हैं और अगर आगे भी आवश्यक हो तो कोई भी अभियान शुरू करने के लिए तैयार हैं। एक अन्य रक्षा सूत्र ने बताया, ‘इसमें सक्रिय निगरानी, आकलन और तैयारी की स्थिति शामिल है।’
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पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) ने शनिवार दोपहर भारत के डीजीएमओ, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन किया, जिसके बाद दोनों पक्षों ने उसी दिन भारतीय मानक समय के अनुसार शाम 5 बजे से सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति जताई थी। इसके बाद डीजीएमओ स्तर की वार्ता सोमवार को मूलतः दोपहर 12 बजे के लिए तय की गई थी लेकिन यह शाम 5 बजे हुई।
सेना के अनुसार, वार्ता में इस प्रतिबद्धता पर कायम रहने की बात की गई कि कोई भी पक्ष एक भी गोली नहीं चलाएगा या कोई आक्रामक या शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करेगा। दोनों देशों के बीच यह भी सहमति बनी कि दोनों पक्ष सीमा क्षेत्रों और उसके आगे के क्षेत्रों में सैनिकों की मौजूदगी कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने पर विचार करेंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार शाम को इस बात पर जोर देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने एक नया पैमाना तय किया और अब यह ‘न्यू नॉर्मल’ है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को केवल स्थगित किया गया है।