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डिविडेंड ​से कमाई के मामले में अदाणी-अंबानी नहीं, यह परिवार हैं टॉप पर; 1 साल में कमाए ₹9,906 करोड़ 

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2025 में कुल 7,443 करोड़ रुपये का लाभांश दिया जो इससे एक साल पहले 6,766 करोड़ रुपये था।

Last Updated- July 11, 2025 | 11:00 PM IST
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वित्त वर्ष 2025 में सूचीबद्ध कंपनियों से सबसे ज्यादा लाभांश कमाने वाले प्रवर्तकों में ​एचसीएल टेक्नॉलजीज के प्रवर्तक ​शिव नादर शीर्ष पर रहे। इस दौरान नादर परिवार ने 9,906 करोड़ रुपये की कमाई के साथ विप्रो के अजीम प्रेमजी को पीछे छोड़ दिया। एक साल पहले नादर को लाभांश से 8,585 करोड़ रुपये की आय हुई थी। एचसीएल टेक ने वित्त वर्ष 2025 में कुल 16,290 करोड़ रुपये का इक्विटी लाभांश दिया। नादर परिवार की एचसीएल टेक में 60.82 फीसदी हिस्सेदारी है।

इसकी तुलना में वित्त वर्ष 2025 में विप्रो से अजीम प्रेमजी परिवार की लाभांश आय 50 फीसदी घटकर 4,570 करोड़ रुपये रह गई जो वित्त वर्ष 2024 में 9,128 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2025 में विप्रो द्वारा शेयर पुनर्खरीद नहीं होने से प्रेमजी परिवार की आय में गिरावट आई थी। विप्रो ने वित्त वर्ष 2024 में 12,000 करोड़ रुपये की शेयर पुनर्खरीद की थी। विप्रो लिमिटेड समूह की एकमात्र सूचीबद्ध कंपनी है। अजीम प्रेमजी परिवार के पास विभिन्न होल्डिंग कंपनियों और व्यक्तिगत रूप से विप्रो में लगभग 72.7 फीसदी हिस्सेदारी है।

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भारती एयरटेल के सुनील भारती मित्तल लाभांश कमाई वाले शीर्ष 10 प्रवर्तकों की सूची में सबसे बड़े लाभकर्ता थे। मित्तल एशियन पेंट्स के प्रवर्तकों को शीर्ष 10 सूची से बाहर कर दिया क्योंकि कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में अपने लाभांश भुगतान में कटौती की है। नादर के बाद सर्वा​धिक लाभांश कमाई करने वाले प्रवर्तकों में वेदांत के अनिल अग्रवाल का नाम आता है। उन्होंने वित्त वर्ष 2025 में समूह की सूचीबद्ध कंपनियों से लगभग 9,600 करोड़ रुपये का लाभांश अर्जित किया, जो एक साल पहले के 6,798 करोड़ रुपये से 41.1 फीसदी अधिक है।

इसके बाद 4,570 करोड़ रुपये के साथ विप्रो के अजीम प्रेमजी, 3,655 करोड़ रुपये के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी और 2,574 करोड़ रुपये के साथ एस्टर डीएम हेल्थकेयर के प्रवर्तक एम ए मूपन हैं। अनिल अग्रवाल वित्त वर्ष 2024 में इस सूची में तीसरे स्थान पर थे जबकि मुकेश अंबानी और मूपन के परिवार ने इस सूची में अपना स्थान बरकरार रखा है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2025 में कुल 7,443 करोड़ रुपये का लाभांश दिया जो इससे एक साल पहले 6,766 करोड़ रुपये था। मुकेश अंबानी परिवार के पास विभिन्न गैर-सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनियों के माध्यम से रिलायंस में 49.11 फीसदी हिस्सेदारी है। अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांत ने कुल 17,009 करोड़ रुपये का लाभांश घोषित किया और प्रवर्तकों के पास विभिन्न गैर-सूचीबद्ध फर्मों के जरिये वेदांत में 56.38 फीसदी हिस्सेदारी है।

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ज्यादा लाभांश कमाने वाले प्रवर्तकों की सूची में छठे स्थान पर रहे सुनील भारती मित्तल परिवार की लाभांश आय वित्त वर्ष 2025 में लगभग दोगुनी हो गई। वित्त वर्ष 2024 में वे इस सूची में 11वें स्थान पर थे। मित्तल को वित्त वर्ष 2025 में कुल 2,357 करोड़ रुपये का लाभांश मिला जो इससे एक साल पहले के 1,198 करोड़ रुपये से 97 फीसदी अधिक है। समूह की प्रमुख कंपनी भारती एयरटेल ने वित्त वर्ष 2025 में कुल 9,280 करोड़ रुपये का लाभांश घोषित किया, जो वित्त वर्ष 2024 में कुल 4,620 करोड़ रुपये के भुगतान से 100 फीसदी अधिक है। मित्तल परिवार के पास भारती एयरटेल में लगभग 25.4 फीसदी हिस्सेदारी है।

इसके बाद इस सूची में इन्फोसिस के संस्थापक और प्रवर्तक परिवार नारायण मूर्ति, नंदन नीलेक​​णी, एस डी शिबुलाल, एस गोपालकृष्णन और के दिनेश हैं। इन्हें वित्त वर्ष 2025 में इन्फोसिस से 2,327 करोड़ रुपये का इक्विटी लाभांश मिला जो एक साल पहले के 2,504 करोड़ रुपये से 7.1 फीसदी कम है। इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2025 में कुल 17,854 करोड़ रुपये का लाभांश घोषित किया जो वित्त वर्ष 2024 के कुल लाभांश से 6.5 फीसदी कम है। प्रवर्तकों के पास कुल मिलाकर कंपनी में 13.05 फीसदी हिस्सेदारी थी। इन्फोसिस के प्रवर्तक वित्त वर्ष 2024 में इस सूची में छठे स्थान पर थे।

सन फार्मा के दिलीप सांघवी परिवार वित्त वर्ष 2025 में आठवें सबसे अमीर प्रवर्तक रहे। परिवार ने वित्त वर्ष 2025 में सन फार्मास्युटिकल्स से लाभांश के रूप में 2,091 करोड़ रुपये प्राप्त किए जो एक साल पहले के 1,765 करोड़ रुपये से 18.5 फीसदी अधिक है। सांघवी परिवार के पास वर्तमान में सन फार्मा में लगभग 54.5 फीसदी हिस्सेदारी है।

बजाज समूह के प्रवर्तक नीरज बजाज परिवार 9वें सबसे अमीर प्रवर्तक रहे। बजाज के परिवार ने वित्त वर्ष 2025 में अपनी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों से लाभांश के माध्यम से 1,645 करोड़ रुपये कमाये जो एक साल पहले उनकी लाभांश आय 1,912 करोड़ रुपये से 13.9 फीसदी कम है। लाभांश आय में कमी शेश्यर पुनर्खरीद नहीं होने से ​दिख रही है। वित्त वर्ष 2024 में बजाज ऑटो ने 4,000 करोड़ रुपये का शेयर पुनर्खरीद की थी और 2,233 करोड़ रुपये का इक्विटी लाभांश भी दिया था। बजाज परिवार के पास बजाज ऑटो में 18.3 फीसदी हिस्सेदारी है। परिवार ने बजाज होल्डिंग्स ऐंड इन्वेस्टमेंट से 496 करोड़ रुपये और बजाज फिनसर्व, बजाज इलेक्ट्रिकल्स, मुकुंद लिमिटेड और बजाज फाइनैंस से लगभग 76 करोड़ रुपये का लाभांश अर्जित किया।

अमीर प्रवर्तकों की सूची में गौतम अदाणी 10वें स्थान पर रहे। परिवार ने वित्त वर्ष 2025 में समूह की सूचीबद्ध कंपनियों से कुल 1,460 करोड़ रुपये का लाभांश कमाया जो वित्त वर्ष 2024 से 14.5 फीसदी अधिक है। अदाणी पोर्ट्स ऐंड एसईजेड ने सबसे अधिक योगदान दिया और परिवार ने इससे 996 करोड़ रुपये कमाये। इसके बाद अंबुजा सीमेंट्स से 333 करोड़ रुपये और अदाणी एंटरप्राइजेज से 111 करोड़ रुपये आए। समूह की कुछ अन्य कंपनियों ने अभी लाभांश घो​षित नहीं किया है।

यह विश्लेषण प्रवर्तकों और उनके परिवारों की लाभांश आय पर आधारित है, जिसमें सूचीबद्ध कंपनियों से शेयर पुनर्खरीद से प्राप्त आय भी शामिल है। हमारे विश्लेषण में हमने केवल गैर-सूचीबद्ध होल्डिंग और निवेश कंपनियों और प्रवर्तकों की व्य​क्तिगत लाभांश आय पर विचार किया है। विश्लेषण में अन्य समूह कंपनियों में सूचीबद्ध होल्डिंग और ऑपरेटिंग कंपनियों की लाभांश आय शामिल नहीं है। विश्लेषण में सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियों, टाटा समूह की कंपनियों, संस्थानों के स्वामित्व वाली कंपनियों जैसे लार्सन ऐंड टुब्रो, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक और सूचीबद्ध सहायक इकाइयों और वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियों को शामिल नहीं किया गया है।

First Published - July 11, 2025 | 10:51 PM IST

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