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दूषित स्थलों की सफाई के लिए नए नियमों का प्रस्ताव

यह पहल राष्ट्रीय पर्यावरण नीति, 2006 की पहल के अनुरूप है जिसमें औद्योगिक और नगरपालिका के कचरे की पहचान बड़े प्रदूषण स्रोत के तौर पर की गई है।

Last Updated- August 26, 2024 | 11:42 PM IST
Govt proposes to introduce new rules to clean up contaminated sites दूषित स्थलों की सफाई के लिए नए नियमों का प्रस्ताव

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण से जुड़े मौजूदा कानून की खामियों को दूर करने तथा खतरनाक चीजों के चलते दूषित हुई जमीन को साफ करने के लिए दूषित स्थलों के उपचार नियम, 2024 का प्रस्ताव दिया है।

नए नियम 22 अगस्त को प्रकाशित हुए जिसमें उन स्थलों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जहां खतरनाक पदार्थ, खनन और जैव-चिकित्सा से जुड़े कचरे, नगरपालिका के ठोस कचरे मिश्रित होते हैं और जहां प्रदूषण का स्तर निर्दिष्ट सीमा से अधिक होता है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का यह प्रस्ताव इस सिद्धांत के अनुरूप है कि प्रदूषण फैलाने वालों को इसकी कीमत चुकानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाए कि जो लोग पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें इसे साफ करने की लागत का वहन करना चाहिए।

ये नए नियम पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986, खतरनाक एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमाओं से इतर गतिविधि) नियम, 2016 और सार्वजनिक देनदारी बीमा अधिनियम, 1991 की कमियों को दूर करने के लिए बनाए गए हैं।

मंत्रालय की मसौदा अधिसूचना के मुताबिक ये नियम रेडियोएक्टिव सामग्री, छोड़े गए खाली खदानों या तेल रिसाव के चलते प्रदूषित हुए स्थलों पर लागू नहीं होंगे जो अन्य विशिष्ट कानूनों द्वारा नियंत्रित होते हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के तहत प्रदूषित स्थलों की पहचान करने, प्रदूषण स्तर का आकलन करने और इसमें सुधार लाने की योजनाएं बनाने के लिए एक केंद्रीय उपचार समिति की स्थापना की जाएगी। यह समिति इस प्रदूषण के जिम्मेदार पक्षों का भी निर्धारण करेगी और इसके निपटान की लागत का अनुमान लगाने के साथ ही नए नियमों का पालन हो, यह भी सुनिश्चित करेगी।

यह पहल राष्ट्रीय पर्यावरण नीति, 2006 की पहल के अनुरूप है जिसमें औद्योगिक और नगरपालिका के कचरे की पहचान बड़े प्रदूषण स्रोत के तौर पर की गई है और साथ ही यह विषाक्त और खतरनाक कचरे विशेषतौर पर औद्योगिक क्षेत्रों और खुले खदानों वाले क्षेत्रों में कचरे के निपटान की चुनौतियों को भी उजागर करता है।

First Published - August 26, 2024 | 10:31 PM IST

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