सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम से गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने में मदद मिली है और हाल में इसमें तेजी आई है। जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडु ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उनसे सवाल किया गया था कि क्या गंगा और उसकी सहायक नदियों के पुनरुद्धार के लिए 2014-15 में शुरु की गई नमामि गंगे परियोजना का अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है? मंत्री ने इसके जवाब में कहा, ‘‘नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत परियोजनाओं का कार्यान्वयन प्रभावी रहा है, गंगा नदी में प्रदूषण भार को कम करने में सक्षम रहा है और हाल ही में इसमें तेजी आई है।’’
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने प्रदूषण पर काबू, राष्ट्रीय नदी गंगा और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण और कायाकल्प के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 2014-15 में नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू किया था।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत वितीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने में राज्य सरकारों के प्रयासों में सहायता कर रही है।
मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत 31 दिसंबर 2022 तक 32,912.40 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कुल 409 परियोजनाएं शुरू की गई हैं जिनमें से 232 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर परियोजनाएं सीवेज संबंधी बुनियादी ढांचा के निर्माण से संबंधित हैं क्योंकि अनुपचारित घरेलू व औद्योगिक अपशिष्ट जल नदी में प्रदूषण का मुख्य कारण है।