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Mock Drill: 7 मई को देश रहेगा अलर्ट मोड पर! 244 जिलों में होगा मॉक ड्रिल, जानें क्या होगी आपकी भूमिका

देशभर के चिन्हित सिविल डिफेंस जिलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।

Last Updated- May 07, 2025 | 6:45 PM IST
Mockdrill
Representative Image

Mock Drill: पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सोमवार को देशभर के कई राज्यों को निर्देश दिया है कि वे 8 मई, बुधवार को सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल (अभ्यास) आयोजित करें। इस अभ्यास के तहत हवाई हमले के खतरे की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे और नागरिकों को आपात स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

244 जिलों में होगा अभ्यास, 1971 के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ड्रिल

यह मॉक ड्रिल देशभर के 244 चिन्हित ‘सिविल डिफेंस जिलों’ में आयोजित की जाएगी। इसमें क्रैश ब्लैकआउट (बिजली बंदी) प्रक्रियाओं को लागू करना, महत्वपूर्ण ढांचों को तेजी से छिपाना और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने की रणनीतियों को अपडेट करना शामिल है।

यह अभ्यास गृह मंत्रालय द्वारा 2 मई को घोषित किया गया था और इसे Civil Defence Rules, 1968 के तहत आयोजित किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, इस तरह का बड़ा नागरिक सुरक्षा अभ्यास 1971 के बांग्लादेश युद्ध के बाद पहली बार किया जा रहा है।

क्या होता है सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल?

सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक तरह का तैयारी अभ्यास होता है, जिसका मकसद युद्ध, मिसाइल हमले या हवाई हमले जैसी आपात स्थितियों में नागरिकों और प्रशासन की तैयारी को परखना होता है। इस अभ्यास में यह जांचा जाता है कि राज्य और जिला स्तर पर नागरिक सुरक्षा व्यवस्थाएं कितनी प्रभावी हैं, एजेंसियों के बीच तालमेल कैसा है और आम नागरिक इन स्थितियों से निपटने के लिए कितने तैयार हैं।

सरकार का कहना है कि यह कदम केवल एहतियातन उठाया जा रहा है, ताकि अगर कोई आपात स्थिति आती है तो देश और नागरिक पहले से तैयार हों।

7 मई को होगा सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल: ब्लैकआउट, साइरन और ट्रैफिक डायवर्जन के लिए रहें तैयार

देशभर के चिन्हित सिविल डिफेंस जिलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य किसी युद्ध, हवाई हमले या आतंकी हमले जैसी आपात स्थिति में सरकार, सुरक्षा एजेंसियों और आम जनता की तैयारी की जांच करना है।

क्या है सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल?

यह एक पूर्व नियोजित अभ्यास होता है, जिसमें राज्य और जिला स्तर पर आपात स्थितियों से निपटने की क्षमता को परखा जाता है। इस दौरान आतंकवादी हमले, रासायनिक दुर्घटना और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने जैसे परिदृश्य रचे जाएंगे।

इसमें सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड्स, एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस वॉलंटियर्स, नेहरू युवा केंद्र संगठन और स्कूली छात्रों की भागीदारी रहेगी।

क्या हो सकता है 7 मई को?

  • कुछ इलाकों में बिजली की कटौती और ब्लैकआउट अभ्यास किया जा सकता है
  • साइरन की आवाजें, मोबाइल सिग्नल में रुकावट और पब्लिक प्लेसेज तक सीमित पहुंच की स्थिति बन सकती है
  • ट्रैफिक डायवर्जन भी लागू किया जा सकता है
  • पुलिस, दमकल विभाग, मेडिकल टीमें और पैरामिलिट्री फोर्स युद्ध जैसे हालात का अभ्यास करेंगी
  • जनता को सुरक्षित जगह तक पहुंचाने की प्रक्रिया भी अभ्यास में शामिल रहेगी

आम लोगों के लिए जरूरी निर्देश

  • केवल सरकारी स्रोतों से दी गई सूचनाओं पर ध्यान दें (रेडियो, टीवी या आधिकारिक सोशल मीडिया)
  • घबराएं नहीं, स्थिति सिर्फ अभ्यास का हिस्सा है
  • पुलिस, सिविल डिफेंस स्टाफ और वॉलंटियर्स द्वारा दिए निर्देशों का पालन करें
  • घेराबंदी वाले इलाकों में न जाएं
  • पानी, टॉर्च और प्राथमिक चिकित्सा जैसे जरूरी सामान का इमरजेंसी किट तैयार रखें

देशभर में मॉक ड्रिल, जानिए क्या है इसका मकसद

गृह मंत्रालय की ओर से देशभर में मॉक ड्रिल (अभ्यास) आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य नागरिकों को किसी संभावित हमले या आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है। इस मॉक ड्रिल में आम लोगों, छात्रों और स्थानीय संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।

क्या है मॉक ड्रिल का मकसद?

गृह मंत्रालय के अनुसार, इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है:

  • नागरिकों और छात्रों को प्रशिक्षित करना: किसी दुश्मन के हमले की स्थिति में नागरिक सुरक्षा तकनीकों की जानकारी देना।
  • कंट्रोल रूम की तैयारियों की जांच: नियंत्रण कक्ष और शैडो कंट्रोल सेंटर्स की कार्यक्षमता का परीक्षण करना।
  • एयर रेड सिस्टम की जांच: हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सिस्टम की कार्यक्षमता को परखना।
  • कम्युनिकेशन लिंक की टेस्टिंग: इंडियन एयर फोर्स के साथ हॉटलाइन और रेडियो संचार व्यवस्था को सक्रिय और जांचना।
  • महत्वपूर्ण ठिकानों की सुरक्षा: जरूरी प्रतिष्ठानों को जल्दी से छिपाने की (कैमोफ्लाज) प्रक्रिया को लागू करना।
  • ब्लैकआउट प्रक्रिया का अभ्यास: आकस्मिक बिजली बंदी (क्रैश ब्लैकआउट) को लागू करना।
  • सिविल डिफेंस सेवाओं का मूल्यांकन: वार्डन, फायरफाइटिंग, रेस्क्यू और डिपो सेवाओं की तैनाती और कार्यक्षमता को जांचना।

यह मॉक ड्रिल न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी की जांच करती है, बल्कि आम नागरिकों को भी सतर्क और जागरूक बनाती है कि किसी भी आपात स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया दें।

 

First Published - May 6, 2025 | 3:35 PM IST

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