Mock Drill: पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सोमवार को देशभर के कई राज्यों को निर्देश दिया है कि वे 8 मई, बुधवार को सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल (अभ्यास) आयोजित करें। इस अभ्यास के तहत हवाई हमले के खतरे की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे और नागरिकों को आपात स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
यह मॉक ड्रिल देशभर के 244 चिन्हित ‘सिविल डिफेंस जिलों’ में आयोजित की जाएगी। इसमें क्रैश ब्लैकआउट (बिजली बंदी) प्रक्रियाओं को लागू करना, महत्वपूर्ण ढांचों को तेजी से छिपाना और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने की रणनीतियों को अपडेट करना शामिल है।
यह अभ्यास गृह मंत्रालय द्वारा 2 मई को घोषित किया गया था और इसे Civil Defence Rules, 1968 के तहत आयोजित किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, इस तरह का बड़ा नागरिक सुरक्षा अभ्यास 1971 के बांग्लादेश युद्ध के बाद पहली बार किया जा रहा है।
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक तरह का तैयारी अभ्यास होता है, जिसका मकसद युद्ध, मिसाइल हमले या हवाई हमले जैसी आपात स्थितियों में नागरिकों और प्रशासन की तैयारी को परखना होता है। इस अभ्यास में यह जांचा जाता है कि राज्य और जिला स्तर पर नागरिक सुरक्षा व्यवस्थाएं कितनी प्रभावी हैं, एजेंसियों के बीच तालमेल कैसा है और आम नागरिक इन स्थितियों से निपटने के लिए कितने तैयार हैं।
सरकार का कहना है कि यह कदम केवल एहतियातन उठाया जा रहा है, ताकि अगर कोई आपात स्थिति आती है तो देश और नागरिक पहले से तैयार हों।
#WATCH जम्मू के एक स्कूल में छात्रों को मॉक ड्रिल अभ्यास के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
गृह मंत्रालय ने 7 मई को पूरे देश में मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया है। pic.twitter.com/ep2KksuD3W
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 6, 2025
7 मई को होगा सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल: ब्लैकआउट, साइरन और ट्रैफिक डायवर्जन के लिए रहें तैयार
देशभर के चिन्हित सिविल डिफेंस जिलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य किसी युद्ध, हवाई हमले या आतंकी हमले जैसी आपात स्थिति में सरकार, सुरक्षा एजेंसियों और आम जनता की तैयारी की जांच करना है।
यह एक पूर्व नियोजित अभ्यास होता है, जिसमें राज्य और जिला स्तर पर आपात स्थितियों से निपटने की क्षमता को परखा जाता है। इस दौरान आतंकवादी हमले, रासायनिक दुर्घटना और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने जैसे परिदृश्य रचे जाएंगे।
इसमें सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड्स, एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस वॉलंटियर्स, नेहरू युवा केंद्र संगठन और स्कूली छात्रों की भागीदारी रहेगी।
#WATCH यूपी | 7 मई को देशभर में आयोजित होने वाले मॉक ड्रिल के लिए रिहर्सल के तहत लखनऊ की पुलिस लाइन में एयर रेड सायरन परीक्षण किया जा रहा है।
गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। pic.twitter.com/W1RcA2aLgR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 6, 2025
देशभर में मॉक ड्रिल, जानिए क्या है इसका मकसद
गृह मंत्रालय की ओर से देशभर में मॉक ड्रिल (अभ्यास) आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य नागरिकों को किसी संभावित हमले या आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है। इस मॉक ड्रिल में आम लोगों, छात्रों और स्थानीय संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
क्या है मॉक ड्रिल का मकसद?
गृह मंत्रालय के अनुसार, इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है:
यह मॉक ड्रिल न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी की जांच करती है, बल्कि आम नागरिकों को भी सतर्क और जागरूक बनाती है कि किसी भी आपात स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया दें।