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लोक सेवकों के सम्पत्तियों के ब्यौरे की प्रमाणिकता की जांच के लिए तंत्र बनाया जाए : समिति ने डीओपीटी से कहा

Last Updated- March 31, 2023 | 4:13 PM IST
PM Modi speech on Parliament special session

संसद की एक समिति ने काफी संख्या में आईएएस अधिकारियों द्वारा अचल सम्पत्ति का वार्षिक ब्यौरा नहीं दायर करने पर संज्ञान लेते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से इस विषय पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने को कहा है।

समिति ने लोक सेवकों द्वारा दायर सम्पत्ति के ब्यौरे की प्रमाणिकता की जांच के लिए एक तंत्र स्थापित करने की भी सिफारिश की है। संसद में हाल ही में पेश कार्मिक, जन शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2011 से 2022 की अवधि में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से 1,393 अधिकारियों ने सम्पत्ति का ब्यौरा पेश नहीं किया। समिति ने कहा, ‘‘ लोक प्रशासन में भ्रष्टाचार के व्यापक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए समिति लोक सेवकों द्वारा द्वारा अचल सम्पत्ति रिटर्न का वार्षिक ब्यौरा नहीं दायर करने के मुद्दे की जांच के लिए केंद्र सरकार से एक समिति गठित करने की सिफारिश करती है।’’

रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि डीओपीटी को लोक सेवकों द्वारा पेश सम्पत्ति रिटर्न के ब्यौरे के प्रामाणिकता की जांच के लिए एक तंत्र स्थापित करना चाहिए। समिति ने कहा कि भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संधि (यूएनसीएसी) का हस्ताक्षरकर्ता है जिसमें पक्षकार देशों को भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए प्रभावी व्यवस्था स्थापित एवं प्रोत्साहित करने को कहा गया है।

समिति ने अखिल भारतीय सेवा-भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में दंपत्तियों को एक स्थान पर नियुक्त करने के मुद्दे पर भी विचार किया और इसके लिए उपयुक्त दिशानिर्देश तैयार करने का सुझाव दिया। रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने सरकारी सेवा में पति एवं पत्नी को एक स्थान पर पदस्थापित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने को लेकर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की सराहना की।

First Published - March 31, 2023 | 3:50 PM IST

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