महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सात से 20 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। परांपरा के मुताबिक इस सत्र का आयोजन राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर में किया जाएगा। तय कार्यक्रम के मुताबिक सत्र में 10 कार्य दिवस होंगे। विपक्ष कार्य दिवस बढ़ाने की मांग कर रहा है। इस सत्र में मराठा आरक्षण, राज्य में निवेश और किसानों के मुद्दों के सहारे विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।
विधानभवन में विधानसभा एवं विधान परिषद सलाहगार समीति की बैठक में शीतकालीन सत्र के कामकाज पर चर्चा हुई। बैठक के बाद विधानसभा के वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर में इस सत्र का आयोजन किया जायेगा। महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर को शुरू होगा और 20 दिसंबर को समाप्त होगा। इस दौरान शनिवार और रविवार को मिलाकर चार दिन अवकाश रहेगा इसीलिए इस सत्र में 10 कार्य दिवस होंगे।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि विपक्षी पार्टी के नेता होने के तौर पर हम मांग करते हैं कि इस सत्र को तीन सप्ताह के लिए आयोजित किया जाए, लेकिन उन्होंने केवल दस दिन तक का ही काम रखा है। इन दस दिनों में कोई भी सवाल का हल नहीं निकलेगा। महाराष्ट्र के सामने कई मुद्दे है, जिसपर चर्चा करने के लिए 10 दिन बहुत कम है। विपक्षी पार्टी होने के नाते वह अभी भी विधानसभा के शीतकालीन सत्र को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोरे कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि शीतकालीन सत्र के दौरान यह मुद्दा उठेगा । लेकिन जब तक सभी कामकाज और अन्य प्रक्रियाओं को अंतिम रूप नहीं दे दिया जाता तब तक मैं तारीख की घोषणा नहीं कर सकती हूं लेकिन आरक्षण मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा की जाएगी और यह हर किसी की इच्छा है कि कोई स्थायी समाधान निकले।
गोर ने बताया कि, सत्र की तैयारी पूरे जोरों पर हैं और पुलिस कर्मियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए भोजन, आवास और उनके बच्चों के लिए क्रेच की सुविधाओं की भी व्यवस्था की जा रही है।
मराठा आरक्षण अभियान का चेहरा बन चुके मनोज जरांगे पाटिल ने भी कुछ हफ्ते पहले प्रशासन से मराठों को आरक्षण प्रदान करने के लिए विधानमंडल के आगामी शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पारित करने के लिए कहा था. जरांगे ने ठाणे में एक रैली में बोलते मांग की थी कि एक विशेष सत्र बुलाने के बजाय, लेटेस्ट [कुनबी] रिकॉर्ड निष्कर्षों के आधार पर आगामी सत्र में ही मराठों को आरक्षण दें।