Medical goods Purchase: राज्य के सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की खरीद के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र प्राधिकरण का गठन किया है। इस प्राधिकरण के माध्यम से दवाइयों की खरीद की जाती है। हालांकि, अगर दवाइयों की खरीद में देरी होती है, तो स्थानीय प्रशासन को कुल बजट प्रावधान के 30% तक दवाइयां खरीदने का अधिकार दिया गया है ताकि दवाओं की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने विधानसभा में कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सरकारी अस्पतालों में कहीं भी दवाओं की कमी न हो। जिला नियोजन समिति और अस्पतालों को महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के तहत प्राप्त निधि से दवाइयां खरीदने का अधिकार दिया गया है। इसलिए कहीं भी दवाओं की कमी नहीं होगी।
चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय ने 14 फरवरी 2025 को सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए दवाइयों की खरीद और आपूर्ति करने का आदेश हाफकिन जीवा फार्मास्यूटिकल्स कॉर्पोरेशन को जारी किया था। इस आदेश के अनुसार, जब आपूर्ति करने वाली संस्थाओं को इन-हाउस टेस्ट रिपोर्ट सौंपी गई, तो पाया गया कि उनके द्वारा आपूर्ति किए गए बैच पास हो गए थे। इसलिए, 14 फरवरी 2025 को हाफकिन जीवा फार्मास्यूटिकल्स कॉर्पोरेशन (लिमिटेड) खरीद सेल द्वारा जारी किया गया आपूर्ति आदेश सभी नियमों और शर्तों के अनुपालन में किया गया है ।
राज्य में मेडिकल से जुड़े सभी विभाग के अंतर्गत आने वाली सभी वस्तुओं की खरीदी केंद्रीयकृत प्रणाली से करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मेडिकल वस्तुओं की खरीदारी के लिए 2023 में महाराष्ट्र चिकित्सा वस्तु खरीदी प्राधिकरण के गठन की घोषणा की थी। राज्य में 2017 से पहले तक एक बार उपयोग में आने वाली मेडिकल वस्तुओं, उपकरणों और अन्य वस्तुओं की खरीदारी हर विभाग अलग-अलग करता था। अलग-अलग कंपनियों और संस्थाओं से होने वाली खरीदी की वजह से एक ही वस्तु की कीमत अलग-अलग होती थी।
एक वस्तु एक ही दर पर खरीदने और एकत्रित खरीदारी कर सस्ती दर पर खरीदने का फायदा उठाने के लिए 26 जुलाई 2017 को तत्कालीन सरकार ने हाफकिन जीव औषध निर्माण महामंडल के तहत खरीदी कक्ष स्थापित किया था और एकत्रित खरीदारी की जिम्मेदारी हाफकिन को दी थी।
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प्राधिकरण की स्थापना के समय बताया गया था कि यह प्राधिकरण केंद्र सरकार के वेब पोर्टल की कार्य पद्धति के आधार पर मेडिकल वस्तुओं की खरीदारी करेगा। प्राधिकरण के राज्यभर में 8 बड़े गोदाम होंगे। यहां से सरकारी स्वास्थ्य विभागों के अलावा केंद्र सरकार के उपक्रम, अन्य राज्यों के स्वास्थ्य विभाग प्राइवेट मेडिकल प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर और निजी दवा विक्रेता भी दवा और चिकित्सा उपकरणों की खरीदारी कर सकेंगे। प्राधिकरण के नियामक मंडल के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं।