प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
महाराष्ट्र सरकार ने दुकानों पर लगी समय की पाबंदी हटा ली है, जिससे राज्य में सप्ताह के सातों ने 24 घंटे व्यापारिक प्रतिष्ठान खुलने का रास्ता साफ हो गया। महाराष्ट्र सरकार के उद्योग विभाग की ओर राज्य में दुकानें, होटल और अन्य प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खोलने का निर्णय लिया गया है। हालांकि शराब बेचने वाली जगहें जैसे बार, पब, डिस्को और वाइन शॉप्स पर यह छूट लागू नहीं होगी ।
राज्य में दुकानों के खुलने का समय पहले से तय था। लेकिन दुकानों के समय को लेकर लंबे समय से भ्रम की स्थिति थी । राज्य सरकार ने इस विषय में शासनादेश जारी करके स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है। श्रम विभाग के द्वारा जारी शासनादेश के मुताबिक दुकानें हर दिन 24 घंटे खुली रह सकेंगी, लेकिन शर्त यह है कि इनमें काम करने वालों को सप्ताह में 24 घंटे की छुट्टी एक साथ देनी जरूरी है। श्रम विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, कई बार दुकानदार हमारे पास दुकान ज्यादा समय तक खोलने की अनुमति मांगने आते थे। उसकी अब जरूरत नहीं है। इससे लोगों को सरकारी कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर नहीं लगाने होंगे।
राज्य में व्यापारिक प्रतिष्ठानों के खुलने और बंद होने के समय पहले से तय हैं, जो 2017 और 2020 के नोटिफिकेशन के मुताबिक चलेंगे। पहले थिएटर और सिनेमा हॉल को भी इनमें शामिल किया गया था, लेकिन अब उन्हें हटा दिया गया है। यह आदेश स्थानीय प्रशासन और पुलिस को सख्ती से लागू करने के निर्देश देता है। राज्य में अब गैर-शराब वाली दुकानें और कारोबार बिना समय की चिंता के चल सकेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है । यह फैसला महाराष्ट्र की वेबसाइट पर उपलब्ध है और सभी संबंधित विभागों को भेजा गया है।
अधिनियम की धारा 11 के तहत, राज्य सरकार को एक क्षेत्र के लिए या विभिन्न क्षेत्रों के लिए दुकानें, कमर्शियल परिसरों या मॉल के खुलने और बंद होने का समय तय करने का अधिकार दिया गया है। इसी के तहत महाराष्ट्र सरकार ने 19 दिसंबर 2017 की अधिसूचना द्वारा परमिट रूम, बीयर बार, डांस बार, हुक्का पार्लर, डिस्कोथेक और ऐसे सभी प्रतिष्ठान जहां किसी भी प्रकार की शराब बेची जाती है, के साथ-साथ सभी प्रकार की शराब बेचने वाली दुकानों, थिएटरों और राज्य के अलग-अलग इलाकों में सिनेमा हॉल के खुलने और बंद होने का समय तय किया था।
मुंबई में ही करीब 10 लाख दुकानें हैं। यहां लंबे समय से नाइट लाइफ की मांग उठती रही है। दुकानों को खोले रखने को लेकर कोई स्पष्टता अब तक नहीं थी। कई जनप्रतिनिधि भी इस मुद्दे को प्रशासन के समक्ष उठा रहे थे। अनुमति पर स्पष्टता न होने के चलते रात के समय दुकानें पुलिस बंद कराती थी । इसका विरोध भी होता था ।