प्रतीकात्मक तस्वीर
महाराष्ट्र विधानमंडल का मॉनसून सत्र के पहले दिन उप मुख्यमंत्री तथा राज्य के वित्त एवं नियोजन मंत्री अजित पवार ने विधान मंडल में 57,509 करोड़ 71 लाख रुपए की पूरक मांगें पेश कीं। इस निधि का उपयोग मुख्य रूप से राज्य में सड़क , मेट्रो , सिंचाई योजनाओं , सिंहस्थ कुंभ मेले की योजना और कार्यान्वयन , महात्मा ज्योतिराव फुले स्वास्थ्य योजना , संजय गांधी निराधार अनुदान योजना , पिछड़े छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के साथ-साथ समाज के कमजोर और वंचित वर्गों के विकास के लिए किया जाएगा। महाराष्ट्र विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र में कुल 12 विधेयक पेश किए जाएंगे।
प्रस्तुत पूरक मांगों में से 19,183 करोड़ 85 लाख रुपये अनिवार्य खर्चो के लिए प्रस्तावित की गई हैं जबकि 34,661 करोड़ 34 लाख रुपये कार्यक्रम के तहत पूरक मांगें हैं और 3,664 करोड़ 52 लाख रुपये केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम के तहत वित्तीय सहायता की उपलब्धता के अनुरूप पूरक मांगें हैं। हालांकि सकल पूरक मांगें 57,509 करोड़ 71 लाख रुपये हैं, लेकिन इसका वास्तविक शुद्ध भार 40,644 करोड़ 69 लाख रुपये है।
उपमुख्यमंत्री तथा राज्य के वित्त एवं योजना मंत्री अजित पवार द्वारा प्रस्तुत 57,509 करोड़ 71 लाख रुपए की पूरक मांगों में से सबसे अधिक 11,42 करोड़ 76 लाख रुपए पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार अनुदान पर खर्च किए जाने हैं। 3,228 करोड़ 38 लाख रुपए मेट्रो परियोजनाओं, नगर निगमों , नगर पालिकाओं , नगर परिषदों , जिला परिषदों के स्टाम्प ड्यूटी अधिभार की वापसी के लिए हैं। राष्ट्रीय सहकारी विकास महामंडल (एनसीडीसी) ने महाराष्ट्र सरकार के माध्यम से सहकारी चीनी कारखानों को कार्यशील पूंजी के लिए मार्जिन मनी ऋण के लिए 2,182 करोड़ 69 लाख रुपए का प्रावधान किया है।