Maratha Reservation Update: महाराष्ट्र विधानसभा में मराठा आरक्षण बिल पास होने के बाद भी मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) का मुद्दा शांत नहीं हो रहा है। सरकार आंदोलनकारियों से अपील कर रही है कि सरकार ने मराठा समाज को आरक्षण दे दिया है इसलिए अब आंदोलन खत्म कर देना चाहिए।
दूसरी तरफ मराठा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे (Manoj Jarange) सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार आंदोलन को कमजोर करने के लिए चालबाजी और साजिश कर रही है उन्हे अलग से नहीं बल्कि ओबीसी कोटा में आरक्षण चाहिए।
मराठा आरक्षण (Maratha Aarakshan) से नखुश मराठा कार्यकर्ताओं ने अपने आंदोलन को प्रभावी बनाने के लिए आज राज्य के कई हिस्सों में सुबह 11 बजे से एक बजे तक रास्ता रोको आंदोलन किया। आंदोलन आगे में भी जारी रखने का ऐलान किया गया लेकिन बोर्ड परीक्षा होने की वजह से रास्ता रोको आंदोलन 11 बजे से करने को कहा गया गया।
मनोज जरांगे ने जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में हुए कहा कि वह रविवार को अपनी अगली कार्रवाई का खुलासा करेंगे साथ ही उन्होंने समुदाय के लोगों से वहां इकट्ठा होने को कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण के लिए उनके प्रयासों को विफल करने के वास्ते चालबाजी और साजिश कर रही है।
जरांगे ने कुनबी मराठों के रक्त संबंधियों पर अधिसूचना को कानून में बदलने में देरी पर सवाल उठाया। जरांगे ने पुलिस पर राज्य के गृह मंत्री के इशारे पर मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले दर्ज करने का भी आरोप लगाया।
महाराष्ट्र विधानमंडल ने मंगलवार , 20 फरवरी को एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान सर्वसम्मति से एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक पारित किया, लेकिन जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत समुदाय के लिए आरक्षण की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
आंदोलन खत्म करने की अपील
महाराष्ट्र के गृहमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि मराठा समाज को आरक्षण देते वक्त अन्य समाज के आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। सरकार ने ओबीसी के आरक्षण को बरकरार रखते हुए मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण दिया है, इसलिए ओबीसी समुदाय में संतुष्टि और मराठा समुदाय में खुशी व्यक्त की जा रही है। ऐसे में मनोज जरांगे पाटिल को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए।
फडणवीस ने कहा कि सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण दिया है, इसलिए किसी को भी ऐसा विरोध नहीं करना चाहिए, जिससे लोगों को परेशानी हो। इस बारे में जरांगे पाटील को भी अवगत करा दिया है इसलिए अब उन्हें आंदोलन खत्म कर देना चाहिए।
मराठा आंदोलन में फूट
महाराष्ट्र विधान मंडल ने जब से 10 फीसदी मराठा आरक्षण को मंजूर किया है, तब से मराठा आंदोलन में फूट सामने आ रही है। जरांगे के साथ काम करने वाली संगीता वानखेड़े ने आंदोलन के पीछे शरद पवार के खड़े होने का आरोप लगाया है।
संगीता वानखेड़े ने कहा कि आंदोलन के दौरान जरांगे के पास शरद पवार का फोन आ रहा था। शरद पवार जैसा बोलते हैं, वैसा ही जरांगे पाटील करते हैं। पुणे शहर में एनसीपी पदाधिकारियों ने मनोज जरांगे के बैनर लगाए थे। इससे पहले जरांगे के भरोसेमंद साथी अजय बारस्कर ने भी जरांगे को घेरा था कि वह लोगों को धोखा दे रहे हैं।