योजनाओं को गतिशील और पारदर्शी बनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में ई-कैबिनेट को अपनाने का फैसला किया है, जिसके तहत इलेक्ट्रॉनिक तरीके से काम किया जाएगा। ई-कैबिनेट में लिए गए निर्णयों को पोर्टल के माध्यम से जनता तक उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने आम नागरिकों के दैनिक जीवन को आसान (ईज ऑफ लिविंग) बनाने के लिए राज्य के सभी अधिकारियों के लिए सात सूत्रीय कार्यक्रम तय किये हैं।
महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सुजाता सौनिक के मुताबिक ई-कैबिनेट राज्य सरकार की एक पर्यावरण अनुकूल पहल है। इससे कैबिनेट बैठकों के लिए कागज के बड़े पैमाने पर उपयोग को कम करने में सहायक होगा। इस हरित पहल के तहत कागज रहित कैबिनेट बैठक स्मार्ट टैबलेट के माध्यम से आसानी से आयोजित की जा सकेंगी। इसी व्यवस्था के कारण मंत्रियों के लिए अत्यधिक सुलभ डैशबोर्ड उपलब्ध होंगे। कैबिनेट के फैसले और उनके संदर्भ ढूंढना आसान होगा। ई-कैबिनेट कैबिनेट की बैठकों , निर्णयों और संबंधित दस्तावेजों को संरक्षित रखेगी।
यह सिस्टम पूरी तरह से डिजिटल है और इसके जरिए हर कदम आसानी से हो जाएगा। यह प्रणाली अब तक हुई पारंपरिक कैबिनेट बैठकों में आने वाली विभिन्न कठिनाइयों को दूर कर सकती है। कैबिनेट में प्रस्तुत किये जाने वाले प्रस्ताव को ऑनलाइन अपलोड करना, चर्चा एवं निर्णय के लिए कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करना, अंतिम निर्णय और उससे संबंधित सभी रिकॉर्ड रखना, ये सभी प्रक्रियाएं आसानी से हो जाएंगी। सुशासन प्राप्त करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
फडणवीस ने कहा कि हमने राज्य में ई-फाइलिंग को स्वीकार कर लिया है और हमारी फाइलों का आदान-प्रदान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होता है। यहां तक कि मंत्रिमंडल की फाइलों का आदान-प्रदान भी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होना चाहिए। इसके लिए हम ई-कैबिनेट अपना रहे हैं। कुछ समय के लिए, जब तक मंत्री इसके अभ्यस्त नहीं हो जाते तब तक हमारे पास पेपर का विकल्प होगा लेकिन धीरे-धीरे इसे खत्म किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने आम नागरिकों के दैनिक जीवन को आसान (ईज ऑफ लिविंग) बनाने के लिए राज्य के सभी अधिकारियों के लिए सात सूत्रीय कार्यक्रम तय किया है। जिसमें विभाग, कार्यालय की वेबसाइट अपडेट की जाए, काम के तरीकों आसान बनाना, सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता, लंबित मामलों का निस्तारण, कारोबारियों को नुकसान न हो, कार्यालयों में आने वाले नागरिकों को सुविधाएं, परियोजनाओं और योजनाओं का दौरा करना शामिल है।
मुख्यमंत्री फड़णवीस ने कहा कि उनके कार्यालय की वेबसाइट तैयार की जाए, सूचना के अधिकार कानून के तहत जो भी जानकारी मांगी जाएगी, उसे वेबसाइट पर पहले से उपलब्ध कराया जाए। वेबसाइट को साइबर-सुरक्षित करें। सरकारी कार्यालयों को साफ किया जाना चाहिए, अनावश्यक दस्तावेजों को हटा दिया जाना चाहिए, क्षतिग्रस्त और अप्रयुक्त वाहनों को अपंजीकृत किया जाना चाहिए।
नागरिकों के जो मुद्दे और समस्याएं स्थानीय स्तर पर हल हो सकती हैं, उन्हें तालुका, जिला स्तर पर ही हल किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होने से मंत्रालय में भीड़ लग गयी। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर उद्यमी निवेश करने आते हैं। इस बात का ध्यान रखना होगा कि उन्हें किसी से परेशानी न हो। यह सिर्फ उद्योग विभाग का काम नहीं बल्कि जोनल अधिकारियों का भी काम है। इसके लिए संभागायुक्त और कलेक्टर संबंधित विभागों के अधिकारियों और उद्यमियों से बात करें।