कांग्रेस अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराने के लिए अभियान चलाएगी। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को इस बात का ऐलान किया। कांग्रेस की ओर से तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘संविधान रक्षक अभियान’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खरगे ने राहुल गांधी से अपील की कि वह बैलट पेपर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर देशभर में व्यापक तौर पर जनसंपर्क शुरू करें।
देश की सबसे पुरानी पार्टी की ओर से यह आवाज उस दिन उठी है जब उच्चतम न्यायालय ने देशभर में बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि ऐसी आवाजें तभी उठती हैं जब कोई पार्टी चुनाव हार जाती है। महाराष्ट्र के विधान सभा चुनाव में करारी हार की ओर इशारा करते हुए खरगे ने आरोप लगाया कि अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी का चुनावों में काफी कुछ हस्तक्षेप रहा, क्योंकि बड़े स्तर पर उनकी
संपत्ति दांव पर लगी थी।
इससे पहले दिन में ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से चुनाव की तरफ लौटने की मांग करने वाली एक याचिका की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और पीबी वराले के पीठ ने कहा, ‘जब आप चुनाव जीत जाते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती और यदि हार जाते हैं तो इस आधुनिक प्रणाली में गड़बड़ी का दावा करते हैं।’
जब याचिका दाखिल करने वाले केए पॉल ने कहा कि उन्होंने 150 देशों का दौरा किया है, तो पीठ ने उनसे पूछा कि जहां-जहां आप गए, क्या वहां प्रत्येक देश में बैलट पेपर से चुनाव होते हैं या ईवीएम से? इस पर याची ने कहा कि विदेशों में बैलट पेपर से चुनाव होते हैं और भारत में भी यही प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए। इस पीठ ने दोबारा सवाल पूछा, ‘आप पूरे विश्व से अलग राह पर क्यों नहीं चलना चाहते?’
पॉल ने दावा किया कि टेस्ला के सह संस्थापक और सीईओ ईलॉन मस्क ने कहा है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। इनके अलावा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू तथा यहां के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी दावा किया था कि छेड़छाड़ कर ईवीएम के नतीजे प्रभावित किए जा सकते हैं। पीठ ने पॉल को जवाब देते हुए कहा, ‘जब चंद्रबाबू नायडू चुनाव हारे थे तो उन्होंने कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ हुई और इस बार जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने चुनावों में मात खायी है तो वह कह रहे हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ हुई है।’
बीते अप्रैल महीने में भी शीर्ष अदालत ने ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से सभी चुनाव कराने की मांग करने वाली कई योचिकाओं को खारिज कर दिया था। उस समय भी अदालत ने कहा था कि ईवीएम में छेड़छाड़ की बातों में कोई दम नजर नहीं आता। सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा था कि यह वोटिंग मशीन पूरी तरह सुरक्षित है और बूथ कैप्चरिंग और फर्जी मतदान जैसी घटनाओं से बचाती है।