मुंबई और उससे सटे इलाकों में हर दिन करीब 35 लाख लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाली बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) बस से हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार ने इसका संज्ञान लेते हुए माना है कि मुंबई में बेस्ट बस की दुर्घटना गंभीर है। बेस्ट बसों के बढ़ते हादसे को देखते हुए सरकार जल्द ही 1300 बसें खरीदेगी।
बेस्ट बसों की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार उपाय कर रही है। उन उपायों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बेस्ट बस दुर्घटना के ड्राइवर की जांच की गई है। इस घटना के बाद औचक निरीक्षण शुरू कर दिया गया है। बेस्ट में नई बसें खरीदने के लिए 1300 बसों की मांग दर्ज की गई है और इन्हें जल्द ही बेस्ट बसों के बेड़े में शामिल किया जाएगा। मुंबई नगर निगम के आयुक्त को निर्देश दिया गया है कि वे बेस्ट प्रमुख के साथ चर्चा करें और बेस्ट बसों के तथ्यों को जानने के बाद उपायों को लागू करने की योजना तैयार करें।
मुंबई की सड़कों पर दौड़ने वाली बेस्ट बसों की संख्या में भारी कमी आई है, जिससे नागरिकों को बसों में भीड़ भाड़, लंबे समय तक इंतजार करने और सेवा की क्वालिटी में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। आरटीआई से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में बेस्ट ने 2160 बसों को बंद कर दिया है, जबकि केवल 37 नई बसें खरीदी हैं। अगस्त 2024 तक केवल 1,061 बेस्ट स्वामित्व वाली बसें परिचालन में थीं। मुंबई की बढ़ती आबादी को देखते हुए यह स्थिति चिंताजनक है और लिज पर दी गई बसों को लेकर विवादों के कारण परेशानी और बढ़ गई है।
गौरतलब है कि उपनगरीय कुर्ला (पश्चिम) में बेस्ट द्वारा लीज पर ली गई एक अनियंत्रित इलेक्ट्रिक बस ने 9 दिसंबर की रात में पैदल यात्रियों और वाहनों को टक्कर मार दी। इस हादसे में अभी तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। दुर्घटना वाले दिन सात लोगों की जान गई थी और 42 अन्य घायल हुए थे। इस दुर्घटना में 22 वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए थे। बेस्ट ने कुर्ला दुर्घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की है।
बेस्ट प्रशासन ने दावा किया कि मोरे को ईवी बस चलाने की अनुमति देने से पहले तीन दिन का प्रशिक्षण दिया गया था। शुरुआती जांच में पता चला है कि दुर्घटना का मुख्य कारण मानवीय भूल और प्रशिक्षण की कमी है। मुंबई पुलिस के अलावा इस मामले की जांच आरटीओ और बेस्ट भी कर रही है। आरटीओ की जांच में यह बात सामने आई है कि बस में कोई भी तकनीकी समस्या नहीं थी। पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया है कि दुर्घटना के समय मोरे नशे में नहीं था।
हाल के कुछ वर्षों के आंकड़ों को देखें तो मुंबई की बेस्ट बस कई बड़ी दुर्घटनाएं हुई है, जो न केवल दो वाहनों, पैदल चलने वाले लोगों के साथ ही यात्रियों के लिए भी घातक साबित हुए हैं। पिछले तीन वर्षों में बेस्ट बसों से 247 दुर्घटनाएं हुई हैं। 2022 से अब तक बेस्ट के स्वामित्व वाली बसों से 133 दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 22 घातक दुर्घटनाएं और 83 गंभीर दुर्घटनाएं शामिल हैं। जबकि बाकी छोटी-मोटी दुर्घटनाएं हैं। इस दौरान लीज पर चलने वाली बेस्ट की बसों से कुल 114 दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसमें 40 प्राणघाती दुर्घटनाएं शामिल हैं। जबकि 60 गंभीर दुर्घटनाएं और 14 छोटी दुर्घटनाएं हैं।
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इस समय बेस्ट के बेड़े में 993 स्वामित्व वाली और 1900 पट्टे वाली बसें हैं, यानी बेस्ट की कुल 2,893 बसें चलती हैं। लागत और घाटे को कम करने के लिए बेस्ट द्वारा लीज पर बसें लेकर चलाई जा रही हैं। छह बस आपूर्तिकर्ता कंपनियां बेस्ट को पट्टे पर बसें उपलब्ध कराती हैं। बेस्ट के अपने 7 हजार 212 ड्राइवर और 7 हजार 423 कंडक्टर हैं। जबकि 6 हजार 553 ड्राइवर और 2 हजार 340 कंडक्टर कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं।
कुर्ला हादसे के लिए 2018 से 2021 के बीच वेट लीज मॉडल पर बसों को किराए पर लेने के फैसले को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस मॉडल के तहत निजी ठेकेदार बस और चालक प्रदान करता है और उनका रखरखाव भी करता है।