Maharashtra Winter Assembly Session: महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन अधिवेशन 16 दिसंबर यानी आज से नागपुर में शुरू हो गया। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने 33,788.40 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगें को पेश की, जिसमें मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन योजना के लिए 1,400 करोड़ रुपये का प्रावधान है। मंत्री उदय सामंत ने ये अनुपूरक मांगें पेश की, जो सरकार द्वारा बजटीय आवंटन के लिए मांगी गई अतिरिक्त धनराशि हैं। शीतकालीन सत्र के दौरान 20 विधेयक पेश किये जाने की योजना हैं।
राज्य सरकार ने पिछले बजट में माझी लाडकी बहिन योजना के तहत 21 से 60 वर्ष आयु वर्ग की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक भत्ता देने के लिए सालाना 46,000 करोड़ रुपये की घोषणा की थी। 2.5 करोड़ से अधिक महिलाओं को मासिक किस्तें मिल चुकी हैं।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने पहले कहा था कि मासिक किस्तों को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का बजट बनाया जाएगा और इसे लागू किया जाएगा। इसी तरह सिंधुदुर्ग जिले के मालवण तालुका में राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के लिए 36 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। लोक निर्माण विभाग को 7,490 करोड़ रुपये, उद्योग, ऊर्जा तथा श्रम विभाग को 4,112 करोड़ रुपये, शहरी विकास को 2,774 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास को 2,007 करोड़ रुपये और आदिवासी विकास विभाग को 1,830 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
देवेंद्र फडणवीस ने पांच दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद फडणवीस ने कल रविवार (15 दिसंबर) को कैबिनेट का विस्तार किया। जिसमें 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद चाय पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में आम आदमी और खासकर विदर्भ के लोगों को राहत देने की कोशिश की जाएगी क्योंकि विदर्भ में सत्र चल रहा है। इस सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा, अनुपूरक मांगों पर चर्चा, सत्ता पक्ष और विपक्ष के प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य विधानमंडल के 2024 के चौथे सत्र में 14 अध्यादेश सभागृह के पटल पर रखकर उसका विधेयक में रुपांतर किया जाएगा। साथ ही 6 नए विधेयक पेश किए जाएगे। कुल 20 विधेयकों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस वर्ष हमने सोयाबीन की खरीदी में पिछले पंद्रह वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस साल भी जमकर खरीदारी हो रही है। पिछले साल सोयाबीन और कपास के लिए विनिमय योजना लागू करके बाजार मूल्य और गारंटीकृत मूल्य के बीच के अंतर को किसान के खाते में स्थानांतरित किया गया था। साथ ही धान किसान को प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपये दिये गये। यह सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी रहने वाली सरकार है।