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मध्य प्रदेश ने बढ़ाया शराबबंदी की दिशा में एक और कदम, धार्मिक महत्व के इन 17 नगरों में नहीं मिलेगी शराब

धार्मिक महत्व के 17 नगरों में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा, इससे पहले नर्मदा के तटवर्ती पांच किमी के दायरे में बंद की थी शराब की बिक्री।

Last Updated- January 24, 2025 | 5:27 PM IST
Madhya Pradesh takes another step towards prohibition, liquor will not be available in these 17 cities of religious importance मध्य प्रदेश ने बढ़ाया शराबबंदी की दिशा में एक और कदम, धार्मिक महत्व के इन 17 नगरों में नहीं मिलेगी शराब

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को प्रदेश के धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की घोषणा की। प्रदेश सरकार ने शराबबंदी की दिशा में चरणबद्ध ढंग से बढ़ते हुए यह फैसला किया है कि मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों में शराब की दुकानें पूरी तरह बंद की जाएंगी। इन दुकानों को कहीं और स्थानांतरित भी नहीं किया जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री मोहन यादव की धार्मिक नगरी महेश्वर में आयोजित कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्य को धीरे-धीरे शराबबंदी की ओर ले जाने की योजना के तहत पहले चरण में 17 धार्मिक महत्व के नगरों में पूर्ण शराबबंदी लागू की जाए। इन 17 धार्मिक नगरों में एक नगर निगम, छह नगर पालिकाएं, छह नगर परिषद और छह ग्राम पंचायत शामिल हैं।’

इनमें उज्जैन नगर निगम के अलावा दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर और मैहर नगर पालिकाएं तथा ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, चित्रकूट और अमरकंटक नगर परिषदों के अलावा छह ग्राम पंचायतें शामिल हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा नदी के तटीय इलाकों के पांच किलोमीटर के दायरे में पहले से लागू शराबबंदी की नीति पूर्ववत जारी रहेगी।

मुख्यमंत्री ने इस निर्णय के क्रियान्वयन के विषय में कहा कि परिसीमन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद इस निर्णय को लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि शराबबंदी को लेकर धार्मिक संगठनों और महिलाओं से जिस प्रकार की प्रतिक्रिया मिल रही है उसे देखकर लग रहा है कि यह एकदम सही नीतिगत निर्णय है।

First Published - January 24, 2025 | 5:27 PM IST

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