भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल ने सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा समेत अन्य शिकायतकर्ताओं को अगले महीने मौखिक सुनवाई के लिए बुलाया है। यह मामला हिन्डनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर लगाए गए भ्रष्टाचार और हितों के टकराव के आरोपों से जुड़ा है।
लोकपाल ने 8 नवंबर को सेबी प्रमुख से इन शिकायतों पर स्पष्टीकरण मांगा था। माधवी पुरी बुच ने 7 दिसंबर को शपथ पत्र के जरिए अपना जवाब दिया, जिसमें उन्होंने सभी आरोपों का खंडन किया। इसके बाद लोकपाल ने कहा कि सेबी प्रमुख और शिकायतकर्ताओं को 28 जनवरी को मौखिक सुनवाई का मौका दिया जाएगा।
लोकपाल ने सेबी प्रमुख के शपथ पत्र की प्रतियां शिकायतकर्ताओं को देने का आदेश दिया है और कहा है कि इसकी गोपनीयता बनाए रखी जाए। इसके अलावा, अगर कोई पक्ष किसी कानूनी फैसले का हवाला देना चाहता है, तो इसकी जानकारी 18 जनवरी तक जमा करनी होगी।
यह मामला हिन्डनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से शुरू हुआ था, जिसमें सेबी प्रमुख और उनके पति पर अपतटीय फंड से जुड़े विवादित लेनदेन का आरोप लगाया गया था। सेबी प्रमुख और उनके पति ने इन आरोपों को झूठा बताया, जबकि अडाणी ग्रुप ने भी इसे दुर्भावनापूर्ण करार दिया।
महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी कि उन्होंने सेबी प्रमुख के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और इसे ईडी या सीबीआई को भेजने की मांग की थी ताकि जांच की जा सके। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।