Kedarnath Helicopter crash: चारधाम यात्रा के दौरान लगातार हो रहे हेलिकॉप्टर हादसों के बीच DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने सख्ती दिखाते हुए हेली सेवाओं की संख्या में कटौती की है। साथ ही, एयर सेफ्टी को लेकर निगरानी और तेज कर दी गई है।
आर्यन एविएशन का एक Bell 407 हेलिकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी जाते वक्त गौरिकुंड के पास रविवार को क्रैश हो गया। हादसे में पायलट सहित कुल 7 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक नवजात शिशु भी शामिल है। यह हादसा टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद हुआ।
DGCA ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि चारधाम रूट पर हेली ऑपरेशंस को पहले ही कम कर दिया गया है और सुरक्षा नियमों को लेकर टाइट मॉनिटरिंग की जा रही है। ताजा घटनाओं के बाद अब सुरक्षा मानकों की फिर से जांच की जा रही है।
#WATCH | Rudraprayag, Uttarakhand: Today, a helicopter operating a flight on the sector Shri Kedarnath to Guptkashi was involved in an accident. A total of 07 people were on board this helicopter, who died on the spot. Rescue teams were immediately dispatched under the direction… pic.twitter.com/DFSa7glmrI
— ANI (@ANI) June 15, 2025
चारधाम क्षेत्र में रविवार को हुआ हेलिकॉप्टर एक्सीडेंट पिछले पांच हफ्तों में इस तरह की पांचवीं घटना है। लगातार हो रही इन घटनाओं ने मुश्किल इलाकों में उड़ानों की सेफ्टी और ऑपरेशनल डिसिप्लिन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) करेगी। यह जानकारी DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने कन्फर्म की है।
गौरतलब है कि हाल ही में अहमदाबाद के पास एयर इंडिया का एक बोइंग 787 विमान क्रैश हुआ था, जिसमें 265 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
DGCA ने कहा है कि सेफ्टी को देखते हुए चारधाम के लिए हेलिकॉप्टर ऑपरेशन्स की फ्रिक्वेंसी घटा दी गई है। साथ ही एरिया में एन्हांस्ड सर्विलांस किया जा रहा है और ऑपरेशन्स की डीटेल रिव्यू की जा रही है ताकि आगे के लिए जरूरी एक्शन लिया जा सके।
उत्तराखंड में हाल ही के दिनों में हेलिकॉप्टर से जुड़े कई हादसे सामने आए हैं, जिसने हवाई यात्रा की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
7 जून को सिरसी से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक प्राइवेट AW119 हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए हेलिकॉप्टर को बदासू गांव के पास एक सड़क पर सुरक्षित लैंड कराया। राहत की बात रही कि इसमें कोई जख्मी नहीं हुआ।
17 मई को एम्स ऋषिकेश द्वारा ऑपरेट किया जा रहा एक हेलि-एम्बुलेंस केदारनाथ में लैंडिंग के दौरान हादसे का शिकार हुआ। इसके टेल सेक्शन को डैमेज हुआ, लेकिन पायलट, डॉक्टर और नर्स को कोई चोट नहीं आई।
12 मई को बद्रीनाथ हेलीपैड पर एक हेलिकॉप्टर के रोटर ब्लेड की टक्कर एक वाहन से हो गई। इस घटना के बाद लोकल पुजारियों ने विरोध जताया। हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।
8 मई को गंगोत्री की ओर जा रहा एक हेलिकॉप्टर उत्तरकाशी के गंगनानी के पास क्रैश हो गया। इस हादसे में पायलट समेत 5 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ और उसे इलाज के लिए भेजा गया।
इन घटनाओं के बाद राज्य में हेलीसेवा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
चारधाम यात्रा के दौरान हो रही लगातार घटनाओं को देखते हुए डीजीसीए (DGCA) ने सुरक्षा को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। 9 जून को जारी एक बयान में DGCA ने कहा कि इन घटनाओं से यह साफ है कि चारधाम हेलिकॉप्टर ऑपरेशन्स की सेफ्टी ऑडिट और निगरानी और मजबूत करने की जरूरत है।
DGCA ने बताया कि हर एक घटना की जांच की जा रही है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि कहीं तकनीकी खराबी थी या फिर मौसम ने रोल प्ले किया।
रेगुलेटर ने कहा, “DGCA का सेफ्टी वॉयलेशन्स पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है।” इसके तहत कुछ ऑपरेटर्स पर स्पेशल ऑडिट/एनहांस्ड सर्विलांस के ऑर्डर दिए गए हैं और जरूरत पड़ने पर उनकी सर्विसेस को रोका भी जा सकता है।
DGCA अब उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) द्वारा केदारनाथ से मिलने वाली लाइव कैमरा फीड्स की भी निगरानी कर रहा है। जून की शुरुआत में दो हेलिकॉप्टर ऑपरेटर्स को पार्किंग प्रोटोकॉल फॉलो न करने पर सस्पेंड कर दिया गया। इससे पहले मई में एक और चार्टर ऑपरेटर को सेफ्टी वॉयलेशन्स के चलते सस्पेंशन झेलना पड़ा था।
चारधाम के लिए उड़ान भरने वाले सभी हेलिकॉप्टर ऑपरेटर्स को अब सिर्फ OGE (Out-of-Ground-Effect) कंडीशंस में उड़ान भरने का निर्देश दिया गया है। ये आदेश अगले आदेश तक लागू रहेगा।
OGE मोड में हेलिकॉप्टर को ऐसी ऊंचाई पर उड़ाना और होवर करना होता है जहां उन्हें जमीन के पास मिलने वाला एक्स्ट्रा लिफ्ट सपोर्ट नहीं मिलता। चारधाम जैसे पहाड़ी और हाई-ऑल्टिट्यूड इलाकों में इस तरह की सेफ्टी स्टैंडर्ड बेहद जरूरी माने जाते हैं।
नए गाइडलाइंस का मकसद यात्रियों और क्रू की सुरक्षा सुनिश्चित करना है क्योंकि इन इलाकों में मौसम और भूगोल दोनों ही उड़ानों के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं।