facebookmetapixel
Tata Trusts: कार्यकाल खत्म होने से पहले वेणु श्रीनिवासन बने आजीवन ट्रस्टी, अब मेहली मिस्त्री पर टिकी निगाहेंMidwest IPO: 24 अक्टूबर को होगी लिस्टिंग, ग्रे मार्केट से मिल रहे पॉजिटिव संकेत; GMP ₹100 पर पंहुचाUpcoming IPOs: आईपीओ मार्केट में फिर गर्माहट, सेबी ने ₹3500 करोड़ के सात नए आईपीओ को दी मंजूरीसत्य नडेला की कमाई बढ़कर हुई ₹800 करोड़, 90% हिस्सा सिर्फ शेयरों सेट्रंप ने दी दीपावली की बधाई, मोदी बोले – आपके कॉल के लिए धन्यवाद, दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएंआरबीआई बदल सकता है नियम, बैंक बिना पूर्व अनुमति बना सकेंगे सहायक कंपनियांप्रवासी भारतीयों ने कम भेजा धन, अप्रैल-जुलाई के दौरान घटकर 4.7 अरब डॉलरक्या मोदी जाएंगे कुआलालंपुर? पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भागीदारी को लेकर सस्पेंस बरकरारउपेंद्र कुशवाहा बोले – नीतीश ही रहेंगे NDA का चेहरा, बिहार चुनाव में नेतृत्व को लेकर नहीं कोई मतभेदकोविड के बाद मांग में उछाल से कंपनियों का मुनाफा तीन गुना बढ़ा

Karnataka Election घोषणापत्र: कांग्रेस, बीजेपी ने खोले अपने-अपने पत्ते

Last Updated- May 02, 2023 | 11:50 PM IST
Amit Shah and JP Nadda

कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) के लिए मंगलवार को जारी अपने घोषणापत्र (Manifesto) में कांग्रेस ने बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा कारखाना अधिनियम में किए गए संशोधन को वापस लेने का वादा किया है जिसके चलते काम के घंटे बढ़कर 12 हो गए हैं। कांग्रेस ने राज्य में 80 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने की प्रतिबद्धता जताई जिसमें निजी क्षेत्र भी शामिल है।

कांग्रेस ने 62 पन्नों के अपने घोषणापत्र में कहा है कि अगर वह सत्ता में आती है तो अस्थायी और आंशिक रूप से काम करने वाले कामगारों के लिए 3,000 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ एक वेलफेयर बोर्ड गठित किया जाएगा। इसके अलावा घरेलू एवं निजी देखभाल, लॉजिस्टिक्स, फूड डिलिवरी, ई-फार्मेसी और परिवहन क्षेत्र के सभी आंशिक स्तर पर काम करने वाले कामगारों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए न्यूनतम प्रति घंटा वेतन अनिवार्य करने का वादा किया गया। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 10 मई को और मतगणना 13 मई को होगी।

कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल और पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के बीच तुलना करने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने खासी नाराजगी जताई है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में धार्मिक या जातीय घृणा फैलाने वाले संगठनों पर ‘निर्णायक कार्रवाई’ का भी वादा किया है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के सुरेंद्र जैन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस ने एक देशभक्त संगठन की तुलना प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पीएफआई से की।

भाजपा ने सोमवार को 48 पन्नों का घोषणापत्र जारी किया था और इन दोनों दलों के घोषणापत्र की तुलना करने पर यह अंदाजा मिलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस की ‘पांच गारंटी’ (गृह ज्योति, गृह लक्ष्मी, अन्न भाग्य, युवा निधि एवं शक्ति की पांच गारंटी) को ‘रेवड़ी संस्कृति’ करार दिए जाने के बावजूद सामाजिक कल्याण पर दोनों प्रमुख दलों की सहमति है जिससे राज्य कर्ज के संकट में घिर सकता है।

मंगलवार को बेंगलूरु में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने पलटवार करते हुए कहा, ‘अगर भाजपा किसी चीज की घोषणा करती है तो यह ‘कल्याणकारी’ हो जाता है और जब कांग्रेस करती है तो यह ‘रेवड़ी’ बांटना हो जाता है।’

भाजपा और कांग्रेस दोनों ने डेरी किसानों के लिए प्रोत्साहन राशि 5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 7 रुपये करने का वादा किया है। अमूल दुग्ध सहकारी समिति द्वारा कर्नाटक की नंदिनी की जगह लेने के कांग्रेस के हालिया आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा ने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों को रोजाना आधा लीटर ‘नंदिनी दूध’ देने का वादा किया है। वहीं कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है, ‘हम किसी को भी हमारे गौरव नंदिनी के अस्तित्व को खत्म करने की अनुमति नहीं देंगे।’

पार्टी ने डेरी किसानों को 50,000 रुपये की सीमा वाले क्रेडिट कार्ड और उनसे 3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गाय और भैंस का गोबर खरीदने का आश्वासन दिया है। न केवल भाजपा, बल्कि कांग्रेस ने तीर्थयात्राओं के लिए वित्तीय सहायता, मंदिरों और मठ को संरक्षित करने के लिए पूंजी देने की प्रतिबद्धता जताई जिसमें सभी धर्मों के 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुजारियों को 5,000 रुपये का मासिक मानदेय शामिल है।

Also Read: Karnataka Election 2023: कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव के लिए जारी किया घोषणापत्र

भाजपा ने संगठित क्षेत्र की 30 लाख महिला कर्मियों और छात्राओं के लिए मुफ्त बस पास देने का वादा किया है, वहीं कांग्रेस ने सभी महिलाओं, छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त यात्रा और प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वालों को मुफ्त बस और रेल यात्रा कराने का वादा अपने घोषणापत्र में कर दिया है। भाजपा ने कहा कि उसने वर्ष 2023-24 के बजट में 30 लाख महिलाओं को मुफ्त बस पास के लिए 1,000 करोड़ रुपये और छात्राओं के लिए 350 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

पिछले साल, भाजपा सरकार ने गरीब अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) परिवारों के लिए मुफ्त बिजली की मात्रा बढ़ाकर 75 यूनिट कर दी। वहीं कांग्रेस ने सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है। कांग्रेस ने बीपीएल परिवारों को 10 किलो मुफ्त अनाज देने का वादा किया है, जबकि भाजपा ने पांच किलोग्राम मुफ्त अनाज देने का वादा किया है। कांग्रेस ने बेरोजगार स्नातकों को दो साल के लिए 3,000 रुपये मासिक भत्ता, परिवार की सभी महिला प्रमुखों को हर महीने 2,000 रुपये और केश काटने वालों को एक लाख रुपये का एकमुश्त भत्ता देने का वादा किया है।

First Published - May 2, 2023 | 11:02 PM IST

संबंधित पोस्ट