Israel Iran conflict 2025: शुक्रवार को इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। इस बातचीत में नेतन्याहू ने मध्य पूर्व में तेजी से बदल रही स्थिति के बारे में जानकारी दी। पीएम मोदी ने इस बातचीत को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का फोन आया। उन्होंने मुझे मौजूदा स्थिति के बारे में बताया। मैंने भारत की चिंताओं को उनके सामने रखा और क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति और स्थिरता बहाल करने की जरूरत पर जोर दिया।”
Received a phone call from PM @netanyahu of Israel. He briefed me on the evolving situation. I shared India’s concerns and emphasized the need for early restoration of peace and stability in the region.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 13, 2025
यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब शुक्रवार तड़के इजरायल ने ईरान पर हमला किया। इस हमले में ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया गया।
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने इस ऑपरेशन की पुष्टि की। इसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम दिया गया है। इजरायल का कहना है कि यह हमला ईरान की बढ़ती परमाणु क्षमता से खतरे को रोकने के लिए किया गया। खबरों के मुताबिक, इस हमले में ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बघेरी, रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल हुसैन सलामी और ईरान के आपातकालीन कमांड के प्रमुख की मौत हो गई। जवाब में ईरान ने इजरायल पर 100 से ज्यादा ड्रोन हमले किए। हालांकि, इजरायल की रक्षा प्रणाली ने इन हवाई हमलों को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की।
भारत ने इस बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “हम इजरायल और ईरान के बीच हाल के घटनाक्रमों से बहुत चिंतित हैं। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं, खासकर परमाणु ठिकानों पर हमलों की खबरों को लेकर।” मंत्रालय ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और क्षेत्र को और अस्थिर करने से बचने की अपील की।
बयान में आगे कहा गया, “भारत दोनों पक्षों से आग्रह करता है कि वे तनाव बढ़ाने वाले कदमों से बचें। मौजूदा संवाद और कूटनीति के रास्तों का इस्तेमाल करके तनाव कम करने और समस्याओं को सुलझाने की दिशा में काम करना चाहिए।”
इस घटना के बाद वैश्विक बाजारों में भी उथल-पुथल देखी गई। तेल की कीमतों में 6 प्रतिशत की तेजी आई, क्योंकि इजरायल-ईरान संघर्ष ने वैश्विक बाजारों को हिलाकर रख दिया। दोनों देशों के बीच यह तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है।