भारत को अमेरिका के साथ प्रस्तावित अंतरिम व्यापार समझौते के तहत अपने माल के निर्यात पर 15 फीसदी तक शुल्क पर राजी होना पड़ सकता है। इसके बावजूद भारत इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे विकासशील देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में होगा। अमेरिका के साथ किए गए समझौतों के तहत इंडोनेशिया 19 फीसदी और वियतनाम 20 फीसदी शुल्क पर तैयार हो गया है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘अमेरिका ने हमें स्पष्ट कर दिया है कि व्यापार सौदों में भी 10 फीसदी का बुनियादी शुल्क बना रहेगा जबकि हमें उम्मीद थी कि इस पर राहत मिलेगी। अब हम अपने श्रम प्रधान क्षेत्र के उत्पादों के निर्यात जैसे परिधान, चमड़ा, जूते और रत्न एवं आभूषण पर 10 फीसदी शुल्क और गैर-श्रम प्रधान वस्तुओं पर 15 फीसदी तक शुल्क चाह रहे हैं। हमारा व्यापार करार इंडोनेशिया के साथ अमेरिका द्वारा अंतिम रूप दिए गए सौदे की तुलना में अधिक संतुलित होगा।’
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि भारत के साथ व्यापार समझौता इंडोनेशिया के साथ किए गए करार के ‘समान’ होगा। इंडोनेशियाई उत्पादों के अमेरिका में निर्यात पर 19 फीसदी का शुल्क लगेगा।
भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि यह सौदा जवाबी शुल्क की वैधता पर अमेरिकी अदालत के फैसले के हिसाब से बदलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर अमेरिका का शीर्ष अदालत जवाबी शुल्क को अवैध घोषित करता है और अमेरिका का शुल्क पहले के सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र के स्तर पर आ जाता है तो यह भारत पर भी लागू होना चाहिए।’
अधिकारी ने कहा कि भारत-अमेरिका अंतरिम व्यापार समझौते के लिए बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है मगर डेरी और जीएम-फसलों के बाजार अमेरिका के लिए खोलने के मुद्दे अब भी अटके हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका दोनों क्षेत्रों के लिए बाजार खोलने पर जोर दे रहा है। हमें उम्मीद है कि जीएम फसल के मुद्दे को बाद में पूर्ण द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत चर्चा करने के लिए टाला जा सकता है। आगामी चुनावों को देखते हुए भारत के लिए डेरी क्षेत्र पर समझौता करना भी मुश्किल होगा।’
अधिकारियों का एक दल 1 अगस्त की समय सीमा से पहले अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए वाशिंगटन गया है। अधिकारी ने कहा कि रूसी तेल के खरीदारों पर 100 फीसदी शुल्क लगाने की ट्रंप की धमकी पर व्यापार समझौते के तहत चर्चा नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘विदेश मंत्रालय इस मामले का अलग से हल निकालने का प्रयास कर रहा है।’
ट्रंप ने बीते दिनों ब्रिक्स देशों पर अतिरिक्त 10 फीसदी शुल्क लगाने धमकी दी थी। इस पर अधिकारी ने कहा, ‘मेरी राय में यह महज दिखावा है। अमेरिका को डर है कि ब्रिक्स डॉलर के प्रभाव को कम करने की दिशा में काम करेगा जो निराधार है।’