शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय और मेटा ने जमीनी स्तर तक डिजिटल कौशल मुहैया कराने के लिए तीन वर्ष के साझेदारी समझौते पर आज हस्ताक्षर किए। इस क्रम में प्रतिभा पूल क्षमता का निर्माण के साथ देशभर में छात्रों, युवा और सूक्ष्म उद्यमियों को जोड़ा जाएगा।
इस साझेदारी का नाम ‘उद्यमियों की शिक्षा : छात्रों, शिक्षा देने वालों और उद्यमियों की पीढ़ी को सशक्त बनाना’ है। मेटा ने उद्यमिता और लघु उद्योग विकास के राष्ट्रीय संस्थान, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ तीन अभिरुचि पत्रों पर हस्ताक्षर किेए।
इस साझेदारी के तहत मेटा के प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, वाट्सऐप और इंस्टाग्राम पर सात क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल मार्केटिंग के कौशल का प्रशिक्षण पांच लाख नए व सक्रिय उद्यमियों को मुहैया करवाया जाएगा।
केंद्रीय कौशल व उद्यमशीलता मंत्रालय के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस पहल से भारत को दुनिया के कौशल की राजधानी बनने में मदद मिलेगी। इससे जमीनी स्तर तक डिजिटल कौशल पहुंचाने से मदद मिलेगी और इससे छात्र, युवा और कार्यबल और लघु उद्यमी जुड़ सकेंगे। इससे भविष्य की तकनीक को सीखाने में मदद मिलेगी और नए दौर की समस्याएं हल करने वाली व उद्यमियों की नई ‘अमृत पीढ़ी’ बनाई जा सकेगी।
उन्होंने कहा, ‘देश के लोकतंत्र, भौगोलिक स्थिति और विविधता को तकनीक से जोड़ने की जरूरत है ताकि पूरे समाज को समान रूप से तकनीक तक पहुंच मिल सके। इस हालिया साझेदारी की बदौलत हमारी जनसंख्या के लिए असंख्य अवसर उपलब्ध हो पाएंगे और वे महत्त्वपूर्ण कौशल सीख पाएंगे। इससे हमारे सूक्ष्म व लघु उद्यमियों का सशक्तीकरण होगा।’
इस साल की शुरुआत में मेटा ने एआईसीटीई की मदद से कार्यक्रम ‘क्रिएटर्स ऑफ मेटावर्स’ की शुरुआत की थी। यह कार्यक्रम एक लाख छात्रों और 20 हजार पढ़ाने वालों को रियल्टी, वर्चुल रियल्टी और आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में सक्षम बनाने के लिए शुरू किया गया।
इसके अलावा एआईसीटीई से संबद्ध कालेजों के छात्रों के लिए एनीमेशन में दो वर्षीय डिप्लोमा की शुरुआत की गई है।