देश के करीब 60 शहरों में 200 से अधिक आयोजित जी-20 बैठकों और 300 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में 18,000 कलाकारों ने भाग लिया, जिससे बाद अब इसके अंतिम पड़ाव के तहत भारत में दुनिया के शीर्ष नेताओं का जमावड़ा इस सप्ताहांत देखने को मिलेगा। शनिवार को दुनिया के शीर्ष नेताओं का शिखर सम्मेलन शुरू होने के साथ शिखर सम्मेलन परिसर को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए तैयार किया गया है और इसके एक प्रदर्शनी स्थल में इसका वर्णन, ‘भारत-लोकतंत्र की जननी’ के तौर पर किया गया है।
डिजिटल इंडिया को प्रदर्शित करने वाले विभिन्न इंटरैक्टिव डिस्प्ले भी लगाए गए हैं। आप एक एक्सरसाइज बाइक से वर्चुअल हरित इलाके में ड्राइव कर सकते हैं जो आपको ईनाम से यूपीआई तक सभी विभिन्न डिजिटल इंडिया पहलों से रूबरू कराता है। ई-संजीवनी बूथ आपको कुछ मिनटों के भीतर ऑनलाइन डॉक्टर से जोड़ने का आश्वासन देता है।
एक वर्चुअल रियलिटी सेंटर आपको ड्राइव करने और भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के रूप में लॉन्च किए गए विभिन्न ऐप का उपयोग करने की गुंजाइश देगा जिसमें पुलिस को अपनी आईडी दिखाने के लिए डिजी लॉकर से लेकर भुगतान करने के लिए भीम ऐप, टोल का भुगतान करने के लिए फास्टटैग होगा। भारत- लोकतंत्र की जननी नाम की प्रदर्शनी, मेहमानों को ‘7,000 वर्षों के लोकतंत्र’ और भारत की वैदिक परंपराओं से रूबरू कराएगी।
बगल के हॉल में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ई-रुपये जैसी अपनी सभी नवाचार पहलों को एक साथ रखा है। प्रौद्योगिकी पर जोर देने के अलावा, एक शिल्प मेला भी आकर्षक का केंद्र होगा जो भारत के सभी राज्यों की कला और हस्तशिल्प को एक साथ पेश करेगा और इसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधि मंडल के पास खरीदारी करने का एक अवसर भी होगा। इस प्रदर्शनी केंद्र में पूर्वोत्तर राज्यों पर केंद्रित नौ स्टॉल हैं।
शनिवार को वैश्विक नेताओं की मेजबानी के लिए आयोजन स्थल तैयार हो चुका है ऐसे में यहां के कर्मचारियों को सुबह चार बजे इकट्ठा होने का आदेश दिया गया है ताकि वे सुरक्षा कारणों से इलाके को बंद किए जाने से पहले ही आयोजन स्थल पर पहुंच सकें।
तबला और तानपुरा की संगत के साथ लाइव शास्त्रीय संगीत के सुरों के बेहतरीन माहौल के बीच इस प्रदर्शनी स्थल में दक्षिण भारत के कुछ बेहतरीन सिल्क और बिहार की मधुबनी पेंटिंग की खरीदारी करना बेहतर अनुभव हो सकता है। इस प्रदर्शनी स्थल पर, राष्ट्रीय संग्रहालय से लाई गई विभिन्न मूर्तियां भी होंगी जैसे कि दिव्य अस्त्रों को पकड़े हुए दुर्गा की लकड़ी की मूर्ति। यहां लाइव कालीन बुनाई के साथ-साथ खादी की बुनाई का चरखा भी प्रदर्शन के लिए लगाया गया है।
भारत ने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान 125 देशों के 100,000 से अधिक मेहमानों की मेजबानी की है। जी20 के मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, ‘यह नए भारत की खोज है। यह हमारे देश और नागरिकों के लिए आर्थिक लाभ लेकर आएगा। अब तक 15 अरब नागरिक किसी न किसी तरह, जी-20 से जुड़े हैं।’
श्रृंगला ने यह भी कहा कि देश के सभी हिस्सों के संगीतकार शनिवार को जी-20 नेताओं के सामने राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज के दौरान प्रदर्शन करेंगे जिनमें दुर्लभ वाद्य यंत्रों के साथ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाले युवा छात्र भी शामिल होंगे।
इसके अलावा मीडिया सेंटर में लगभग 3,000 पत्रकारों की मौजूदगी देखी गई है। अच्छी बात यह है कि शिखर सम्मेलन से पहले शुरू होने वाले कार्यक्रमों के चलते आयोजकों के पास अगले दो दिनों में सभी गड़बड़ियों को दूर करने का मौका मिल गया।