facebookmetapixel
Delhi Pollution: दिल्ली बनी गैस चेंबर! AQI 425 पार, कंपनियों ने कहा – ‘घर से ही काम करो!’Tata का Power Stock देगा मोटा मुनाफा! मोतीलाल ओसवाल का BUY रेटिंग के साथ ₹500 का टारगेटपिछले 25 वर्षों में राजधानी दिल्ली में हुए 25 धमाकेNPS, FD, PPF या Mutual Fund: कौन सा निवेश आपके लिए सही है? जानिए एक्सपर्ट सेसोने में फिर आने वाली है जोरदार तेजी! अक्टूबर का भाव भी छूटेगा पीछे – ब्रोकरेज ने बताया नया ऊंचा टारगेटसिर्फ एक महीने में 10% उछले रिलायंस के शेयर! ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लो, अब ₹1,785 तक जाएगा भाव!टाटा मोटर्स CV के शेयर 28% प्रीमियम पर लिस्ट, डिमर्जर के बाद नया सफर शुरूक्या आपका डिजिटल गोल्ड अब खतरे में है? एक्सपर्ट ने दी राय – होल्ड करें या कैश आउट करें?Groww IPO: ₹114 पर लिस्टिंग के बाद 5% चढ़ा शेयर, बेच कर निकल लें या लॉन्ग टर्म के लिए करें होल्ड?Gold and Silver Price Today: सोना-चांदी आज भी हुए महंगे! गोल्ड 1,24,400 रुपये के करीब; सिल्वर 1,55,600 रुपये के स्तर पर

Delhi Pollution: अब हर घंटे पता चलेगा कहां, किस वजह से प्रदूषण

Last Updated- January 30, 2023 | 8:26 PM IST
Delhi

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज रियल टाइम के आधार पर प्रदूषण की पहचान के लिए सुपर साइट और मोबाइल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन का शुभारंभ किया। जिससे अब दिल्ली में हर घंटे पता चलेगा कि कहां, किस वजह से प्रदूषण है। इसके साथ ही अगले 3 दिन का घंटे के आधार पर पूर्वानुमान भी पता चलेगा।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अब एक निश्चित समय पर प्रदूषण के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। दिल्ली में आज से रियल टाइम आधार पर प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने की शुरुआत हो गई है। ऐसा करने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य बन गया है। इससे प्रदूषण से लड़ने में मदद मिलेगी।

केजरीवाल ने कहा कि हमने देखा कि कैसे एक-एक घंटे पर प्रदूषण के घटक बदल रहे हैं। सुबह 8 बजे प्रदूषण के कारण कुछ और थे, 9 बजे कुछ और थे। सोमवार के प्रदूषण के कारण कुछ और हैं, मंगलवार के प्रदूषण के कारण कुछ और हैं। जब तक हम प्रदूषण के स्रोतों को रियल टाइम आधार पर गणना करके विश्लेशण नहीं करेंगे, तब तक कोई भी प्रदूषण नीति सही नहीं होगी।

IIT दिल्ली, IIT कानपुर, टेरी और DPCC ने मिलकर रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी पर काम किया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि रियल टाइम के आधार पर वाहन, धूल, बायोमास बर्निंग व लोकल प्रदूषण आदि की जानकारी मिलेगी, इससे हमें वैज्ञानिक डाटा मिलेगा।

इसी के आधार पर हम एनसीआर की सरकारों के साथ बातचीत कर प्रदूषण को नियंत्रित करने की योजना बनाएंगे। स्टडी के अनुसार दिल्ली में एक तिहाई प्रदूषण बाहर का है।

मोबाइल वैन की मदद से हॉटस्पॉट एरिया में प्रदूषण के कारणों का पता लगेगा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि आज हम एक मोबाइल वैन भी चालू कर रहे हैं। इसके सफल होने पर दिल्ली के अलग-अलग कोने में इन्हें खड़ी कर देंगे। हॉटस्पॉट एरिया में प्रदूषण क्यों ज्यादा है, यह पता चलता रहेगा और फिर उस विशेष स्रोत के ऊपर ध्यान देकर प्रदूषण कम करने की कोशिश करेंगे।

राउज एवेन्यू स्कूल में एक सुपर साइट, एक मॉनिटरिंग स्टेशन बनाया है और एक फोरकास्टिंग सिस्टम है, जो तीन-तीन दिन का फोरकास्ट करेगा। इसके अलावा डैशबोर्ड और पोर्टल है। DPCC की देखरेख में सारा कार्य किया जाएगा।

IIT कानपुर पीएम-2.5 का लीड मेजरमेंट करता है और सोर्स कंट्रीब्यूशन करता है। IIT दिल्ली फोरकास्टिंग करता है और टेरी एमिशन इन्वेंटरी उपलब्ध कराता है। केजरीवाल ने स्टडी के विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि आज सुबह 8 बजे दिल्ली में 35 फीसदी प्रदूषण बाहर के स्रोतों की वजह से था।

बायोमास बर्निंग का प्रदूषण 26 फीसदी था। वाहनों से लगभग 35 फीसदी प्रदूषण था। सुबह 9 बजे बाहर का प्रदूषण घटकर 29 फीसदी हो गया, बायोमास बर्निंग 26 फीसदी ही रहा और वाहनों का प्रदूषण 35 फीसदी से घटकर 25 फीसद हो गया। अन्य स्रोतों से 11 फीसदी प्रदूषण रहा।

इसी तरह, सुबह 10 बजे बाहर का प्रदूषण 36 फीसदी रहा, बायोमास बर्निंग से प्रदूषण जीरो हो गया और वाहनों का प्रदूषण 30 फीसदी रहा और 22 फीसदी अन्य स्रोतों से है। यह बड़ा दिलचस्प है कि हर घंटे का विश्लेषण करके हमें पता चल जाता है कि कहां किस वजह से प्रदूषण है। इससे हमें प्रदूषण को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलेगी।

स्टडी के आधार पर प्रदूषण को रोकने में मिलेगी मदद

इस स्टडी से निरंतर या रियल टाइम (प्रति घंटा) के आधार पर वाहनों, कंस्ट्रक्शन साइटों पर धूल, बायोमास जलाने आदि का योगदान का पता चलेगा। यह विभिन्न इलाकों में प्रदूषण की अधिक विस्तृत जानकारी देने में मदद करेगा। इसके बाद प्रदूषण को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।

उदाहरण के लिए यदि पता चलता है कि किसी विशेष वार्ड में प्रदूषण में धूल का भारी योगदान है, ऐसे में हम हरियाली बढ़ाने पर काम करेंगे। यदि किसी विशेष वार्ड का मुख्य योगदान उद्योग है, तो हम टीम भेजेंगे कि उद्योगों की वजह से तो प्रदूषण नहीं हो रहा हैं। साथ ही अगले 3 दिनों में पीएम-2.5 के स्तर के साथ-साथ विभिन्न स्रोतों का पूर्वानुमान लगाया जाएगा, ताकि सरकार समय रहते कार्रवाई कर सके।

यह भी पढ़ें: Delhi: AQI बिगड़ने से कंस्ट्रक्शन और डिमोलेशन पर पाबंदी

वेबसाइट पर ले सकेंगे प्रदूषण के पूर्वानुमानों की जानकारी

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के पूर्वानुमानों की जानकारी प्राप्त करने के एक वेबसाइट भी लॉन्च की है। http://raasman.com/ पर जाकर पूर्वानुमान देखे जा सकते हैं। यह रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी के तहत प्रदूषण से संबंधित सभी डेटा और पूर्वानुमान के लिए एक डैशबोर्ड के रूप में कार्य
करेगी।

First Published - January 30, 2023 | 8:25 PM IST

संबंधित पोस्ट