दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को सिविल लाइंस स्थित बंगला खाली करने का आदेश दिया गया है, जिसमें दो दिन पहले ही उन्होंने रहने की शुरुआत की थी। यह वही बंगला है जिसमें पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रहते थे। यह आदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा जारी किया गया, जिसे आतिशी खुद देखती हैं।
इस घटना ने मुख्यमंत्री आवास से जुड़े विवाद को और गहरा कर दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) का कहना है कि आतिशी ने सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद बंगले में प्रवेश किया था, जबकि PWD का कहना है कि केजरीवाल से इस संपत्ति का औपचारिक ट्रांसफर अभी तक नहीं हुआ है।
लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों के अनुसार, अब बंगले को सील कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री आवास को लेकर नया विवाद
इस कदम को अभूतपूर्व बताते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, “देश के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री को अपना घर खाली करने को कहा गया है। एलजी ने बीजेपी के कहने पर जबरदस्ती मुख्यमंत्री आतिशी का सामान हटा दिया है। एलजी की ओर से मुख्यमंत्री आवास को एक बड़े बीजेपी नेता को आवंटित करने की तैयारी चल रही है। 27 साल से दिल्ली में सत्ता से बाहर बीजेपी अब मुख्यमंत्री आवास पर कब्जा करना चाहती है।”
17 सितंबर को जमानत पर रिहा होने के बाद इस्तीफा देने वाले अरविंद केजरीवाल ने पिछले शुक्रवार को बंगला खाली किया था। PWD अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आतिशी के पास बंगले की चाबियां हैं, लेकिन उनके पास आधिकारिक आवंटन पत्र नहीं है। सूत्रों के अनुसार, PWD के अधिकारी बुधवार सुबह बंगले पहुंचे और दोपहर तक आतिशी से चाबियां वापस ले लीं।
सीएम बंगला विवाद में नई जांच
यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री आवास विवादों में आया है। पिछले साल, केजरीवाल और उनकी पार्टी पर बीजेपी और कांग्रेस ने इस बंगले के पुनर्निर्माण में अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। यह घर 2015 में केजरीवाल को आवंटित किया गया था और 2020-21 में इसका पुनर्निर्माण हुआ था।
पुनर्निर्माण में अनियमितताओं और लागत बढ़ोतरी के आरोपों के बाद सतर्कता विभाग (विजिलेंस डिपार्टमेंट) ने जांच शुरू की, जिसमें 10 PWD अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। इसके अलावा, इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी कर रही है।
इससे जुड़े एक घटनाक्रम में, सतर्कता निदेशालय ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के विशेष सचिव समेत तीन अधिकारियों को शो-कॉज़ नोटिस जारी किया। इन अधिकारियों पर PWD के निर्देशों के बावजूद बंगले की चाबियां न सौंपने का आरोप है। केजरीवाल के कैंप कार्यालय में काम करने वाले दो अनुभाग अधिकारियों को भी नोटिस भेजा गया है। इन सभी अधिकारियों को नोटिस का जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है।