facebookmetapixel
Upcoming IPOs: SEBI ने दी 7 नए IPO को मंजूरी!महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पहले खड़ी चुनौती, किसान और मजदूरों ने दी हड़ताल की चेतावनी  SEBI ने फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल पर लगाया 2 साल का बैन, ₹20 लाख का जुर्माना भी ठोकारक्षा मंत्रालय ने ₹79,000 करोड़ के सौदों को दी मंजूरी; भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की बढ़ेगी ताकतSEBI का नया प्रस्ताव: म्युचुअल फंड फोलियो खोलने और पहली बार निवेश के लिए KYC वेरिफिकेशन जरूरीChhath Puja 2025: छठ पूजा में घर जानें में नहीं होगी दिक्कत! रेलवे चला रही है 5 दिन में 1500 स्पेशल ट्रेनें2400% का तगड़ा डिविडेंड! टूथपेस्ट बनाने वाली कंपनी ने निवेशकों पर लुटाया प्यार, कब होगा भुगतान?अब अपने खाते का बना सकेंगे चार नॉमिनी! 1 नवंबर से होने जा रहा है बड़ा बदलाव, जानें हर एक डिटेलColgate Q2FY26 Result: मुनाफा 17% घटकर ₹327.5 करोड़ पर आया, ₹24 के डिविडेंड का किया ऐलानNPS और APY धारक दें ध्यान! PFRDA ने पेंशन सिस्टम में ‘डबल वैल्यूएशन’ का रखा प्रस्ताव, जानें क्या है यह

Cyclone Storm Remal: चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ रविवार शाम को पश्चिम बंगाल के तट से टकराएगा, भारी बारिश का अलर्ट

26-27 मई को पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर में भारी बारिश हो सकती है।

Last Updated- May 23, 2024 | 11:05 PM IST
Cyclone Storm Remal

मौसम का पहला बड़ा चक्रवाती तूफान रेमल रविवार शाम तक बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटों तक पहुंचेगा। भारतीय मौसम विभाग ने गुरुवार को बताया कि रविवार को चक्रवात आने पर हवा 102 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है। अधिकारियों ने चेताया है कि 26-27 मई को पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों, पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर में भारी बारिश हो सकती है।

उधर, इस चक्रवात के मॉनसून पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर अनिश्चितता है। मौसम विभाग की वैज्ञानिक मोनिका शर्मा के अनुसार, ‘यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी के मध्य में दबाव के रूप में केंद्रित हो जाएगा। इसके बाद शनिवार की सुबह ज्यादा बढ़े चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। यह तूफान रविवार शाम को बांग्लादेश और समीपवर्ती पश्चिम बंगाल के तटों तक पहुंच जाएगा।’

मछुआरों को समुद्र तट की ओर लौट आने और 27 मई तक बंगाल की खाड़ी के समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार चक्रवाती तूफान तेजी से आगे बढ़ते हैं और यह लंबे समय सक्रिय रहते हैं। इसका कारण समुद्र की सतह का तापमान अधिक गर्म होना होता है। दरअसल, समुद्र की सतह गर्म होने के कारण ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की ज्यादा गर्मी को सोख लेती हैं।

समु्द्र की सतह के तापमान का रिकॉर्ड 1880 से रखना शुरू हुआ। इस क्रम में बीते 30 वर्षों के दौरान समुद्र की सतह का अधिक तापमान दर्ज किया गया है।

First Published - May 23, 2024 | 10:21 PM IST

संबंधित पोस्ट