मौसम का पहला बड़ा चक्रवाती तूफान रेमल रविवार शाम तक बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटों तक पहुंचेगा। भारतीय मौसम विभाग ने गुरुवार को बताया कि रविवार को चक्रवात आने पर हवा 102 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है। अधिकारियों ने चेताया है कि 26-27 मई को पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों, पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर में भारी बारिश हो सकती है।
उधर, इस चक्रवात के मॉनसून पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर अनिश्चितता है। मौसम विभाग की वैज्ञानिक मोनिका शर्मा के अनुसार, ‘यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी के मध्य में दबाव के रूप में केंद्रित हो जाएगा। इसके बाद शनिवार की सुबह ज्यादा बढ़े चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। यह तूफान रविवार शाम को बांग्लादेश और समीपवर्ती पश्चिम बंगाल के तटों तक पहुंच जाएगा।’
मछुआरों को समुद्र तट की ओर लौट आने और 27 मई तक बंगाल की खाड़ी के समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार चक्रवाती तूफान तेजी से आगे बढ़ते हैं और यह लंबे समय सक्रिय रहते हैं। इसका कारण समुद्र की सतह का तापमान अधिक गर्म होना होता है। दरअसल, समुद्र की सतह गर्म होने के कारण ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की ज्यादा गर्मी को सोख लेती हैं।
समु्द्र की सतह के तापमान का रिकॉर्ड 1880 से रखना शुरू हुआ। इस क्रम में बीते 30 वर्षों के दौरान समुद्र की सतह का अधिक तापमान दर्ज किया गया है।