महाराष्ट्र में ऐप के माध्यम से ई-फसल निरीक्षण का कार्य किया जा रहा है। किसानों की भूमि रजिस्टर पर फसलों का सटीक रिकॉर्ड सुनिश्चित करने के लिए ई-फसल निरीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि, सरकार से सहायता प्रदान करते समय ई-फसल निरीक्षण की आवश्यकता में छूट दी जाती है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भविष्य में फसल सर्वेक्षण में अधिक सटीकता लाने के लिए, सरकार महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर (MRSAC) के सहयोग से सैटेलाइट और ड्रोन के माध्यम से फसल सर्वेक्षण करने पर विचार कर रही है।
विधानसभा में ई-फसल सर्वेक्षण के संबंध में उठाए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि उन क्षेत्रों में जहां नेटवर्क की समस्याओं या तकनीकी कठिनाइयों के कारण ई-फसल सर्वेक्षण करना संभव नहीं है, वहां ऑफलाइन फसल सर्वेक्षण करने और बाद में उसे ऑनलाइन अपडेट करने की अनुमति दी गई है। सरकार समय-समय पर किसानों को सहायता प्रदान करती है और इस दौरान ई-फसल सर्वेक्षण की अनिवार्यता में छूट दी जाती है।
यदि गांव स्तर पर ई-फसल सर्वेक्षण नहीं किया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सरकार राजस्व, कृषि और ग्रामीण विकास विभागों के बीच समन्वय स्थापित करके सटीक फसल सर्वेक्षण सुनिश्चित करने की योजना बना रही है।
उद्देश्य यह है कि फसल सर्वेक्षण की सटीकता बढ़ाई जाए, ताकि फसल बीमा योजना का लाभ पात्र किसानों को मिले। इससे वास्तविक पात्र किसानों तक सहायता पहुंच सकेगी। जिला परिषद कृषि विभाग और राज्य सरकार के कृषि विभाग को एक साथ लाने और इस संबंध में एक उचित नीति बनाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे, मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा।
राजस्व राज्यमंत्री योगेश कदम ने बताया कि जहां नेटवर्क नहीं है, जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में, वहां गांव राजस्व अधिकारी फसल सर्वेक्षण करेंगे, जिसे मंडल अधिकारी स्तर पर आधिकारिक मंजूरी दी जाएगी। जिन क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के कारण फसल सर्वेक्षण में बाधा उत्पन्न होती है, वहां ऑफलाइन फसल सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए जाएंगे।
अनियमितताओं के चलते 4.3 लाख फसल बीमा आवेदन खारिज
महाराष्ट्र में खरीफ 2024 मौसम के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत 4.30 लाख से अधिक फसल बीमा आवेदन अनियमितताओं के कारण खारिज कर दिए गए। यह जानकारी सोमवार को विधान परिषद में दी गई।
राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने एक लिखित उत्तर में बताया कि आवेदनों को अस्वीकार करने का मुख्य कारण सरकारी स्वामित्व वाली भूमि, नगरपालिका की भूमि, वास्तविक जोत से अधिक क्षेत्रफल तथा अयोग्य फसलों पर बीमा संबंधी विसंगतियां थीं।
कोकाटे ने कहा कि सरकार को कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है, क्योंकि इन अमान्य दावों के लिए कोई प्रीमियम नहीं दिया गया था। खरीफ 2024 मौसम के दौरान PMFBY के तहत 4,30,443 फसल बीमा आवेदन खारिज किए गए। इसकी तुलना में खरीफ 2023 मौसम के दौरान 2,85,468 आवेदन खारिज किए गए।
कोकाटे ने कहा कि जांच प्रक्रिया में कई अनियमितताएं सामने आई हैं, जिनमें गैर-कृषि भूमि को कृषि भूमि के रूप में फर्जी जियो-टैगिंग करना भी शामिल है।