प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्र सरकार की कैबिनेट ने लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के फेज-1B को हरी झंडी दे दी है। इस चरण में 11.165 किलोमीटर लंबा नया कॉरिडोर बनाया जाएगा जिसमें 12 स्टेशन होंगे — 7 भूमिगत (Underground) और 5 एलीवेटेड (Elevated)। इस परियोजना पर सरकार ₹5,801 करोड़ का निवेश करेगी।
इस मंजूरी के साथ ही लखनऊ शहर में मेट्रो नेटवर्क की कुल लंबाई 34 किलोमीटर हो जाएगी। फेज-1B का फोकस पुराने लखनऊ के सबसे भीड़भाड़ वाले और ऐतिहासिक क्षेत्रों पर है, जहां अभी तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा सीमित है। यह नया कॉरिडोर निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ेगा:
कैबिनेट के इस फैसले पर सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इससे पुराने लखनऊ के संकरे और व्यस्त मार्गों पर मेट्रो एक बेहतर वैकल्पिक परिवहन माध्यम बनेगी, जिससे सड़कों पर भीड़ कम होगी और यातायात सुगम होगा। मेट्रो के कारण कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी क्योंकि यह पारंपरिक डीज़ल/पेट्रोल वाहनों की तुलना में अधिक पर्यावरण के अनुकूल है। बेहतर कनेक्टिविटी से स्थानीय व्यापार, पर्यटन, और रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होगी। खासकर नए मेट्रो स्टेशनों के आसपास निवेश और शहरी विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी।
उन्होंने कहा कि यह मेट्रो विस्तार सभी सामाजिक-आर्थिक वर्गों को सार्वजनिक परिवहन तक समान पहुंच देगा, जिससे यात्रा का समय घटेगा और लोगों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा। फेज-1B केवल एक मेट्रो प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि लखनऊ के भविष्य का ट्रांसफॉर्मेटिव इंफ्रास्ट्रक्चर कदम है। यह परियोजना शहरी चुनौतियों का समाधान करने, सतत विकास को बढ़ावा देने और एक आधुनिक लखनऊ की दिशा में शहर को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाएगी।