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CAA Updates: सुप्रीम कोर्ट पहुंची इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने की मांग

गौरतलब है कि यह कानून उन अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करता है जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।

Last Updated- March 12, 2024 | 12:33 PM IST
supreme court

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने की घोषणा कर दी है। सरकार के इस नोटिफेकेशन के तमाम विरोध के बीच अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने नए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियम 2024 पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर दी है। याचिका में नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 और नागरिकता संशोधन नियम 2024 के विवादित प्रावधानों के निरंतर संचालन पर रोक लगाने की मांग की गई है।

कोर्ट में दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि ‘अधिनियम और नियमों के परिणामस्वरूप मूल्यवान अधिकार सृजित होंगे और केवल कुछ धर्मों से संबंधित व्यक्तियों को नागरिकता प्रदान की जाएगी, जिस कारण वर्तमान रिट याचिका के लंबित रहने के दौरान असफल स्थिति बन सकती है।’

बता दें, लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सरकार की तरफ से यह बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके तहत तीन पड़ोसी देशों- अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए छह अल्पसंख्यक समुदायों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।

गौरतलब है कि यह कानून उन अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करता है जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।

आचार संहिता लागू होने से पहले आया फैसला
यह कदम लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct- MCC) लागू होने से पहले आया है। MCC चुनावों के दौरान लागू होता है और सरकार को कोई बड़ी घोषणा करने से रोकता है।

CAA नियम लागू होने के बाद किन्हें मिलेगी भारत की नागरिकता?
सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) अधिनियम,2019 लागू करने की घोषणा कर दी है। ऐसे में बगैर किसी डॉक्यूमेंट्स के तीन मुस्लिम बहुल देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, बौद्ध और जैन धर्म के लोगों को नागरिकता मिलेगी। नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथ में होगा। यह नागरिकता 31 दिसंबर,2014 तक इन देशों से भारत आए गैर-मुस्लिम विस्थापितों को दी जाएगी।

First Published - March 12, 2024 | 11:45 AM IST

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