BS Infra Summit 2025: बुनियादी ढांचे से संबंधित महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे केंद्र सरकार के दो प्रमुख मंत्रियों सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास को अगले चरण में ले जाने के लिए सरकार के व्यापक दृष्टिकोण की बारीकियां साझा कीं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर समिट 2025 को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने को साकार करने के लिए गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी क्योंकि इसके बिना औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन संभव नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘पैसे की कोई समस्या नहीं है। हम आज 20 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दे सकते हैं जबकि मैं जिस क्षेत्र का जिम्मा संभाल रहा हूं उसमें फिलहाल 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। टोल से होने वाली आय वर्तमान में 55,000 करोड़ रुपये सालाना है जो जल्द ही बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाएगी।’
बिज़नेस स्टैंडर्ड की निवेदिता मुखर्जी के साथ चर्चा में गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य पांच वर्षों के भीतर भारतीय वाहन उद्योग को दुनिया में सबसे बड़ा बनाना है और इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है क्योंकि भारत वैकल्पिक ईंधन, एथनॉल, बायोफ्यूल, मेथनॉल, बायोडीजल, एलएनजी और ग्रीन हाइड्रोजन विकसित कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘हमने इंडियन ऑयल के सहयोग से ठोस कचरे से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए पहले ही दस परियोजनाएं शुरू कर दी हैं। मगर असली समस्या हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशनों और परिवहन ढांचे की कमी है।’ उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही ग्रीन हाइड्रोजन में दुनिया का नेतृत्व करेगा, जिससे देश को शुद्ध ऊर्जा निर्यातक बनने में मदद मिलेगी।
गडकरी ने कहा कि सरकार पानी, बिजली, परिवहन और संचार सहित बुनियादी ढांचे के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और इसके प्रयासों से कारोबार के लिए लॉजिस्टिक्स लागत इस साल दिसंबर के अंत तक घटकर 9 फीसदी रह जाएगी, जिससे निर्यात बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
सम्मेलन में अपने विशेष संबोधन में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सोनोवाल ने कहा कि मैरिटाइम अमृत काल विजन 2047 के तहत समुद्री क्षेत्र में कुल निवेश बढ़ाकर 80 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है जो ब्लू इकॉनमी के सिद्धांत के अनुरूप है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में घोषित वधावन बंदरगाह परियोजना 76,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करेगी। इसका पहला चरण 2029 तक शुरू हो जाएगा और दूसरा चरण 2037 तक बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि निकोबार बंदरगाह परियोजना भी एक दशक में पूरी तरह से चालू हो जाएगी।
सोनोवाल ने कहा, ‘संसद के इस सत्र के दौरान हमने 5 ऐतिहासिक कानून बनाए हैं जो हमेशा के लिए देश के समुद्री परिदृश्य को बदल देंगे। इन विधेयकों को बहुत जल्द औपचारिक मंजूरी मिलने वाली है। इससे हमारे देश में मजबूत और जीवंत शिपिंग क्षेत्र स्थापित करने के लिए व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र
विकसित होगा।’
सोनोवाल ने यह भी बताया कि वर्तमान में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम के तहत 2035 तक कार्यान्वयन के लिए लगभग 5.8 लाख करोड़ रुपये के निवेश वाली लगभग 840 परियोजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि 1.41 लाख करोड़ रुपये की 272 परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं और 1.65 लाख करोड़ रुपये की 217 परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
सोनोवाल ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत विभाग ने अपने शुरुआती लक्ष्यों को पार कर लिया है आने वाले वर्षों में शुरू की जाने वाली 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की 50 सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) वाली परियोजनाओं की पहचान की है। कुल मिलाकर सरकार का लक्ष्य 2030
तक प्रमुख बंदरगाहों में निजी भागीदारी की हिस्सेदारी बढ़ाकर 85 फीसदी तक करनी है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर समिट में उद्योग के लीडर्स के साथ कई सत्र आयोजित किए गए, जिनमें बुनियादी ढांचा क्षेत्र के दिग्गजों ने नवीनतम रुझानों पर चर्चा की और व्यवसायों के लिए प्रमुख चुनौतियों और अवसरों को साझा किया। एक चर्चा में भाग लेते हुए टाटा पावर के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा कि बिजली क्षेत्र को सभी सेगमेंट में 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता है लेकिन परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के मॉडल को बदलने की जरूरत है।
एक अन्य विचारोत्तेजक सत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडिंग पर पैनल चर्चा में राइट्स के प्रबंध निदेशक राहुल मिथल ने हिस्सा लिया, जिन्होंने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करना बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की सफलता का मूलमंत्र है।
सत्र में शामिल अन्य पैनलिस्टों ने बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में विदेशी फंडिंग की स्थिति पर चर्चा की। ‘भारत में वैश्विक एयरपोर्ट हब का निर्माण’ विषय पर समूह चर्चा में नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट के मुख्य कार्याधिकारी क्रिस्टोफ श्नेलमन ने भारत के लिए हवाईअड्डा विकास को आर्थिक वृद्धि के इंजन के रूप में उपयोग करने के लिए उपलब्ध अवसरों पर चर्चा की।
कार्यक्रम का समापन ‘फ्यूचर ऑफ फॉसिल फ्यूल्स’ और ‘रोडब्लॉक्स इन रिन्यूएबल्स’ पर दो विचारोत्तेजक सत्रों के साथ हुआ। इसमें उद्योग के दिग्गजों ने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सब्सिडी ढांचे पर पुनर्विचार और बिजली की मांग के प्रबंधन में नियामक उपाय करने पर जोर दिया।