नरेंद्र मोदी ने देश का प्रधानमंत्री बनने के पांच महीने बाद अक्टूबर 2014 में ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसकी 100वीं कड़ी 30 अप्रैल को प्रसारित होगी। प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम 30 मिनट का होता है जो आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारित होता है। इस विशेष कार्यक्रम में वह राष्ट्र को संबोधित करते हैं और विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं।
30 अप्रैल को प्रसारित होने वाले कार्यक्रम के लिए विशेष तैयारी हो रही है। पूरी दुनिया में इसका प्रसारण होगा। इस अवसर पर सरकार 100 रुपये का सिक्का भी जारी करेगी। बुधवार (26 अप्रैल) को दिल्ली के विज्ञान भवन में 100 मशहूर हस्तियों का सम्मेलन हुआ। इसमें फिल्म अभिनेता आमिर खान और अभिनेत्री रवीना टंडन भी मौजूद थे जिनका जिक्र ‘मन की बात’ कार्यक्रम की पिछली कड़ी में हुआ था।
भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), रोहतक के अनुसार यह कार्यक्रम अपनी शुरुआत से अब तक 100 अरब लोगों तक पहुंच चुका है। जनवरी 2015 में प्रसारित इस कार्यक्रम की एक कड़ी में मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी थे। उसमें ओबामा ने भारतीय नागरिकों के सवाल के जवाब दिए थे।
‘मन की बात’ कार्यक्रम में विज्ञान से लेकर पर्यावरण और बच्चों में परीक्षा के तनाव से लेकर कोविड-19 से बचाव के लिए टीके लगवाने से जुड़े विषयों सभी पर चर्चा हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कार्यक्रम भले ही एकतरफा होता है मगर इसमें प्रधानमंत्री आम नागरिकों के जुड़े विषयों पर पूरी गंभीरता से चर्चा करते हैं। यह बात लोगों के दिलों को छू जाती है।
कई तरह के विचारों से प्रभावित होने वाले इस दौर में यह कहना पूरी तरह दुरुस्त होगा कि सोशल मीडिया पर मोदी काफी लोकप्रिय हैं और उन्हें फॉलो करने वाले अनगिनत लोग हैं। ट्विटर पर मोदी को 8.82 करोड़ लोग फॉलो करते हैं जबकि इंस्टाग्राम पर उन्हें फॉलो करने वाले लोगों की संख्या 7.47 करोड़ है। यूट्यूब और फेसबुक पर उन्हें क्रमशः 1.45 करोड़ और 4.8 करोड़ लोग फॉलो करते हैं।
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‘मन की बात’ कार्यक्रम से उन्हें लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने में काफी मदद मिली है। ब्रांड विशेषज्ञ हरीश बिजूर कहते हैं, ‘कार्यक्रम का नाम सुनकर ही कई लोग इससे स्वयं को जुड़ा महसूस करने लगते हैं। अपने मन की बात कहना और इसे दूसरे लोग के मन से जोड़ना बाकी सभी चीजों को पीछे छोड़ जाता है।‘
इस कार्यक्रम के प्रसारण के लिए जिस माध्यम का चयन किया गया है वह भी नायाब है। रेडियो के माध्यम से इस कार्यक्रम का प्रसारण होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि देश के सुदूर हिस्सों में रहने वाले लोगों को भी प्रधानमंत्री स्वयं को आसानी से जोड़ लेते हैं।
बिजूर कहते हैं, ‘देश में रेडियो और आवाज का गहरा रिश्ता रहा है। देश में एक बड़ी आबादी गांवों एवं छोटे शहरों में रहती है। रेडियो एक ऐसा माध्यम है जो आसानी से उपलब्ध होता है और प्रधानमंत्री ने इसे बखूबी समझते हुए लोगों से सीधे जुड़ने में इसका बेहतरीन इस्तेमाल किया है।‘ दिल्ली स्थित अल्केमिस्ट ब्रांड कंसल्टिंग की संस्थापक स्मिता सिन्हा कहती हैं, ‘समाचार माध्यम के जरिये होने वाली चर्चाओं की जगह अब मन की बात कार्यक्रम ने ले ली है। इस नए बदलाव पर प्रधानमंत्री का पूर्ण नियंत्रण है। इस कार्यक्रम के जरिये मोदी सीधे लोगों तक पहुंच रहे हैं और उन लोगों से भी लगातार जुड़े रहते हैं जिन्होंने उनके (मोदी के लिए) चुनावों में वोट दिए हैं।
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‘रेडियो चैनल और बड़े ऑडियो संगीत चैनलों के साथ यह कार्यक्रम दूरदर्शन, यूट्यूब चैनल और नमो ऐप पर भी प्रसारित किया जाता है। नमो ऐप प्रधानमंत्री का आधिकारिक ऐप है जिसकी शुरुआत 2015 में हुई थी। प्रधानमंत्री की संवाद क्षमता भी इस कार्यक्रम की सफलता का बड़ा कारण है। बिजूर कहते हैं, ‘देश के दूर-दराज क्षेत्रों में छोटा से छोटा किसान भी जब कार्यक्रम सुनना शुरू करता है तो उसे लगता है कि प्रधानमंत्री स्वयं उससे से बात कर रहे हैं। मोदी अपनी अद्भुत संवाद क्षमता से लोगों को बांध कर रखते हैं और उन्हें अपने साथ जोड़ने में सफल रहते हैं।‘
यूट्यूब पर सक्रिय इन्फ्लुएंसर अंकुर वारीकू का कहना है कि भारत में मोदी से बड़ा इन्फ्लुएंसर कोई नहीं है। वारीकू कहते हैं, ‘सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री की लोकप्रियता रोज नई बुलंदियां छू रही हैं।