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नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए बुरी खबर! इन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की शहरी युवा बेरोजगारी बढ़ी

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के बीते साल के अध्ययन ने दर्शाया है कि भारत के बेरोजगार श्रम बल में युवाओं की हिस्सेदारी करीब 83 फीसदी है।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- February 21, 2025 | 10:08 PM IST

वित्त वर्ष 25 में देशव्यापी स्तर पर शहरी युवाओं की बेरोजगारी दर में गिरावट आ रही है लेकिन इस वित्त वर्ष में अप्रैल-जून (प्रथम तिमाही) और अक्टूबर दिसंबर तिमाही (तीसरी तिमाही) में छह प्रमुख राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की शहरी बेरोजगारी दर में क्रमिक रूप से वृद्धि हुई है। यह जानकारी हालिया त्रिमासिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के आंकड़ों के विश्लेषण से प्राप्त हुई। इन प्रमुख छह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में असम, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, जम्मू व कश्मीर और दिल्ली हैं। 

श्रम बाजार में आमतौर पर 15-29 आयुवर्ग पहली बार प्रवेश करते हैं। यह आंकड़ा इन प्रमुख राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की शहरी श्रम बाजार में गिरावट को दर्शाता है। हालांकि देशव्यापी स्तर पर शहरी बेरोजगारी दर वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के 16.8 प्रतिशत से गिरकर तीसरी तिमाही में 16.1 प्रतिशत हो गई। हालांकि असम में शहरी युवा की बेरोजगारी दर वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के 23.9 प्रतिशत की तुलना में तीसरी तिमाही में बढ़कर 27.5 प्रतिशत हो गई। फिर इस तुलनात्मक अवधि में बिहार (20.8 प्रतिशत से बढ़कर 26.4 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (11.2 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत) और हरियाणा (11.2 प्रतिशत से बढ़कर 12.9 प्रतिशत) हो गई। जम्मू और कश्मीर में शहरी बेरोजगारी दर पहली तिमाही के 29.8 प्रतिशत से बढ़कर तीसरी तिमाही में 35.3 प्रतिशत हो गई। दिल्ली में यह इस अवधि के दौरान 3.7 प्रतिशत से बढ़कर 4.9 प्रतिशत हो गई। 

फाउंडेशन फॉर इकनॉमिक डेवलपमेंट के टीम लीड रौनक  पॉल ने बताया कि असम विनिर्माण क्षेत्र को नियमित तौर पर आकर्षित करता है। इसके तहत असम हाइएंड विनिर्माण क्षेत्र सेमीकंडक्टर के लिए निवेश आकर्षित कर रहा है। लिहाजा ऐसे क्षेत्र को प्राथमिकता देने की जरूरत है जिससे बड़े स्तर पर रोजगार सृजन हो। उन्होंने बताया, ‘ युवा भारतीयों को विनिर्माण संपन्न आधार मुहैया कराएगी। नियमित वृद्धि और संपन्नता के लिए अपवर्ड मोबिलिटी अनिवार्य है।’

दूसरी तरफ पांच प्रमुख राज्यों के युवाओं की बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। ये राज्य हैं – गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और केरल।  केरल में शहरी युवा की बेरोजगारी दर वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के 27.7 प्रतिशत से गिरकर तीसरी तिमाही में 24.9 प्रतिशत हो गई। इसके बाद छत्तीसगढ़ (23.3 प्रतिशत से गिरकर 20.3 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (19.2 प्रतिशत से गिरकर 16.8 प्रतिशत), महाराष्ट्र (15.1 प्रतिशत से गिरकर 12.2 प्रतिशत) और गुजरात (8.3 प्रतिशत से गिरकर 8.2 प्रतिशत) हैं। 

भारत के युवा की बेरोजगारी दर से निपटना आवश्यक है। इस क्रम में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के बीते साल के अध्ययन ने दर्शाया है कि भारत के बेरोजगार श्रम बल में युवाओं की हिस्सेदारी करीब 83 फीसदी है। इस बेरोजगार श्रम बल में माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्राप्त बेरोजगारों की हिस्सेदारी वर्ष 2000 के 35.2 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022 में 65.7 प्रतिशत हो गई। 

विभिन्न स्तरों पर सैम्पल का आकार कम होने के कारण पीएलएफएस सर्वे में गोवा, असम को छोड़कर अन्य पूर्वोत्तर राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों जैसे चंडीगढ़, पुदुच्चेरी, दमन व दीव, लद्दाख, अंडमान व निकोबार और लक्षद्वीप के आंकड़े उपलब्ध नहीं हो पाए।

First Published : February 21, 2025 | 10:03 PM IST