अयोध्या में राम मंदिर में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर के मद्देनजर 22 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, असम, राजस्थान, हरियाणा में पहले ही 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। केन्द्र सरकार भी आधे दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित कर चुकी है।
इन दिनों पूरा देश राम की भक्ति भाव से सराबोर है और रामलला का स्वागत करने के लिए आतुर है। 22 जनवरी को लोग दीवाली मनाने की तैयारी में जुटे हुए है। लोगों की भावनाओं को देखते हुए आज महाराष्ट्र सरकार ने भी एक दिन के सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर दी। देश के प्रमुख राज्य पहले ही 22 जनवरी के दिन अवकाश का ऐलान कर चुके हैं जिसको देखते हुए पहले से ही लोगों को उम्मीद थी कि महाराष्ट्र सरकार भी अवकाश की घोषणा करेगी। ताकि इस दिन लोग बड़ी ही श्रद्धा के साथ अपने अंगना को रोशन करें और हर्षोल्लास के साथ त्योहार मनाएं।
मुंबई और आसपास के इलाकों में लगभग हर गली और सोसायटी में भव्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसके कारण बाजारों में खरीदारों की भीड़ दीवाली जैसे उमड़ रही है। उत्सव और उमंग में कारोबारी संस्थाएं भी पीछे नहीं है। हर दुकान और ऑफिस को अभी से रोशनी का पर्व लगने लगा है। कारोबारी संस्थाओं की तरफ से राम मंदिर आंदोलन में अपनी जान गंवाने वालों को शहीद का दर्जा देने की मांग भी हो रही है।
भारत मर्चेंट चेंबर के ट्रस्टी राजीव सिंगल ने केंद्र व राज्य सरकार से कारसेवकों को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। उनका कहना है कि 1990 में कारसेवा के समय जिन लोगों की गोलियां लगाने से मौत हुई, उन्हें शहीद का दर्जा देकर उनकी याद में स्मारक भी बनाना चाहिए। उनके परिजन को 22 जनवरी को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी देनी चाहिए।