निजी निवेशकों और ETF पर यस बैंक के शेयरों (Yes Bank Shares) को तीन साल तक बेचने पर लगी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रोक (लॉक-इन अवधि) सोमवार को खत्म हो रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे में यस बैंक के शेयरों पर बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है। उनका अनुमान है कि सोमवार को निवेशक बैंक में अपने शेयर बेच सकते हैं। यस बैंक के प्रमुख निवेशकों में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई में नौ बैंक शामिल हैं।
RBI के राहत पैकेज के तहत SBI ने मार्च 2020 में बैंक के लगभग 49 फीसदी शेयरों को 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से आठ रुपये के प्रीमियम पर उठाया था। एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के भी भी निकासी करने की संभावना है।
SBI के पास दिसंबर, 2022 तक यस बैंक के 26.14 फीसदी या 605 करोड़ शेयर थे। इसी तरह HDFC, HDFC बैंक और ICICI बैंक के पास एक-एक अरब शेयर थे। एक्सिस बैंक के पास 60 करोड़, कोटक महिंद्रा बैंक के पास 50 करोड़, फेडरल बैंक और बंधन बैंक के पास 30 करोड़ और IDFC फर्स्ट बैंक के पास 25 करोड़ शेयर थे।
इसके अलावा, SBI AMC के पास उसके निफ्टी 50 ETF में यस बैंक के 2.36 करोड़ शेयर, कोटक AMC के पास 1.19 करोड़ शेयर, निप्पन इंडिया के पास 1.05 करोड़ शेयर थे। हालांकि, इनमें से ज्यादातर यस बैंक में अपने शेयरों का 25 फीसदी पहले ही बेच चुके हैं, जो ‘रोक’ के अंतर्गत नहीं थे।