भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक लगातार घरेलू व्यवस्थित महत्त्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी) बने हुए हैं। 2021 में बकेटिंग संरचना के तहत ये बैंक इतने बड़े हैं कि इनका विफल होना आपदा की तरह होगा। इसी के अनुरूप जहां निजी क्षेत्र के बैंक आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक बकेट-1 में आते हैं, एसबीआई बकेट-3 में आता है।
घरेलू व्यवस्थित महत्त्वपूर्ण बैंक को लेकर बैंकों का मौजूदा वर्गीकरण 31 मार्च 2022 को बैंकों से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है। बकेट-1 के तहत बैंक को आरडब्ल्यूए के प्रतिशत के हिसाब से 0.2 प्रतिशत अतिरिक्त कॉमन इक्विटी टियर-1 पूंजी की जरूरत होती है। वहीं बकेट-3 के तहत 0.6 प्रतिशत अतिरिक्त कॉमन इक्विटी की जरूरत होती है। अतिरिक्त सीईटी-1 की जरूरत पूंजी संरक्षण बफर के अतिरिक्त होगी।
आवश्यक रूप से, व्यवस्थित रूप से महत्त्वपूर्ण बैंकों की श्रेणी में वे बैंक आते हैं, जो इतने बड़े हैं, जिनकी विफलता अर्थव्यवस्था के लिए आपदा की तरह होती है। इस श्रेणी वाले बैंकों की विफलता की स्थिति में संकट के समय सरकार के मदद की अपेक्षा की जाती है। पिछले साल भी इन तीन बैंकों को घरेलू स्तर पर व्यवस्था के हिसाब से महत्त्वपूर्ण बैंक चिह्नित किया गया था और इसी बकेट में इस साल भी इन्हें रखा गया है। इसके पहले 2015 में और 2016 में रिजर्व बैंक ने एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को डी-एसआईबी के रूप में चिह्नित किया था। बीएस