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चलन में बढ़ी 500 रुपये के नोट की हिस्सेदारी; RBI Report में पता चली मूल्य और संख्या में बढ़ोतरी की वजह

31 मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक मू्ल्य के हिसाब से कुल मुद्रा में 500 के नोट की हिस्सेदारी बढ़कर 86.5 प्रतिशत हो गई है, जो मार्च 2023 में 77.1 प्रतिशत थी।

Last Updated- May 30, 2024 | 10:49 PM IST
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RBI Annual Report 2024: भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 2023-24 के दौरान प्रचलन में बैंक नोट मूल्य व संख्या के हिसाब से क्रमशः 3.9 प्रतिशत और 7.8 प्रतिशत बढ़े हैं, जबकि इसके पहले के वित्त वर्ष में क्रमशः 7.8 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।

31 मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक मू्ल्य के हिसाब से कुल मुद्रा में 500 के नोट की हिस्सेदारी बढ़कर 86.5 प्रतिशत हो गई है, जो मार्च 2020 में 60.8 प्रतिशत और मार्च 2023 में 77.1 प्रतिशत थी।

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 500 के नोट की हिस्सेदारी में वृद्धि 2000 रुपये के नोट की संख्या में कमी के कारण आई है, जिनकी वित्त वर्ष 2023 में हिस्सेदारी महज 0.2 प्रतिशत थी।

रिजर्व बैंक ने सालाना रिपोर्ट में कहा, ‘2023-24 के दौरान 500 रुपये के नोट की संख्या मूल्य के हिसाब से बड़ी है, जबकि 2,000 रुपये के नोट में तेज गिरावट आई है, जिसकी वजह इसे प्रचलन से बाहर किया जाना है।’

भारतीय रिजर्व बैंक पिछले साल से 2,000 रुपये के नोट वापस लेने की प्रक्रिया में है। हालांकि 2,000 रुपये के नोट अभी भी वैध मुद्रा हैं। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘2,000 रुपये के करीब 89 प्रतिशत नोट अपना 4-5 साल का जीवन चक्र पूरा कर चुके हैं ।’

First Published - May 30, 2024 | 10:49 PM IST

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