facebookmetapixel
Stock Market Today: गिफ्ट निफ्टी में तेजी, एशियाई बाजार हरे निशान पर; जापान पीएम इशिबा ने दिया इस्तीफाStocks To Watch Today: अदाणी पावर-भूटान डील, टाटा-महिंद्रा कारें हुईं सस्ती; जानें आज किन स्टॉक्स पर ध्यान देंसीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारत

बड़े देसी जमाकर्ताओं से भारतीय बैंकों को सहारा

भारतीय बैंकों पर एमटीएम असर सीमित नजर आ रहा, जिसकी वजह एचटीएम प्रावधान है

Last Updated- March 13, 2023 | 9:38 PM IST
PSBs Achieve ₹1.41 lakh crore net profit; GNPA drops to 3.12%
BS

सिलिकन वैली बैंक (SVB) के धराशायी होने से दुनिया भर के बैंकिंग शेयरों को चोट पहुंची है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व महंगाई पर लगाम कसने के लिए ब्याज दरों में तेजी से बढ़ोतरी कर रहा है और बाजार को डर है कि SVB संकट महज शुरुआत है।

इस संकट की वजह मुख्य रूप से परिसंपत्ति-देनदारी का बेमेल होना है। वैश्विक स्तर पर बैंकिंग शेयरों पर पड़ी चोट के बीच बैंक निफ्टी इंडेक्स महज दो कारोबारी सत्रों में चार फीसदी से ज्यादा टूट चुका है। यह इंडेक्स अग्रणी भारतीय बैंकों के प्रदर्शन की माप करता है।

SVB संकट के चलते बैंकिंग शेयरों पर दबाव हालांकि बना रहेगा, पर विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बैंकों के जमाकर्ताओं का समूह (सरकार, कॉरपोरेट, परिवार आदि) उसे अच्छा खासा सहारा दे रहा है।

मैक्वेरी के विश्लेषक सुरेश गणपति ने एक नोट में कहा है, SVB मामलों का असर हालांकि दुनिया भर के बैंकों पर पड़ रहा है, लेकिन भारतीय बैंक का SVB में शायद ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निवेश है। यहां देसी जमाओं के जरिए वित्त पोषित व्यवस्था बनी हुई है और इनका निवेश भारत सरकार की प्रतिभूतियों में है।

भारत के बैंक मोटे तौर पर स्टार्टअप को फंड नहीं देते, ऐसे में स्टार्टअप की दुनिया पर पड़े असर का काफी हद तक प्रबंधन किया जा सकता है। भारतीय बैंकों के पास कुल मिलाकर 173 लाख करोड़ रुपये की जमाएं हैं। इनमें से करीब दो तिहाई यानी 108 लाख करोड़ रुपये देसी परिवारों के हैं, जिनमें हड़बड़ी में निकासी की प्रवृत्ति नहीं होती।

SVB संकट की पृष्ठभूमि में जेफरीज ने भारतीय बैंकों की जमाओं की गुणवत्ता व एचटीएम खाते में मार्क टु मार्केट नुकसान के असर की परख की।
नोट में कहा गया है, 60 फीसदी से ज्यादा जमाएं देसी परिवारों के हैं। बचत खाते में जमाएं 3 से 5 साल की अवधि में बरकरार रहती हैं और लोग सरकारी प्रतिभूतियों की ओर तेजी से नहीं बढ़ते। परिसंपत्ति की बात करें तो इन परिसंपत्तियों का 65 फीसदी लोन है जबकि 25 फीसदी निवेश। सरकारी प्रतिभूति पर एचटीएम की इजाजत है और यह उसके 80 फीसदी के बराबर है व परिसंपत्तियों का 15 फीसदी। भारतीय बैंक बेहतर स्थिति में हैं।

सरकारी प्रतिभूतियां निजी बैंकों की कुल परिसंपत्तियों का औसतन 18 फीसदी होती है और पीएसयू बैंकों के मामले में 22 फीसदी। जेफरीज ने कहा, एचटीएम पोर्टफोलियो पर एमटीएम नुकसान का असर निजी बैंकों के नेटवर्थ के 6 फीसदी के बराबर है जबकि पीएसयू बैंकों के मामले में 15 फीसदी।
यह असर एसवीबी के असर के मुकाबले काफी कम है और इसी वजह से सिलिकन बैंक धराशायी हो गया।

कैसे धराशायी हुआ SVB

टेक स्टार्टअप के बीच SVB लोकप्रिय था और ज्यादातर अपनी अतिरिक्त नकदी बैंक में जमा रखते थे। बैंक ने इन जमाओं का बड़ा हिस्सा लंबी अवधि के सरकारी बॉन्ड में लगाया, जिसे सुरक्षित माना जाता है।

हालांकि जब फेड ने ब्याज दरों में तेजी से इजाफा शुरू किया तो SVB के बॉन्ड पोर्टफोलियो को एमटीएम नुकसान हुआ। अगर SVB इन बॉन्डों में परिपक्वता तक निवेशित रहता तो उसे पूंजी वापस मिल सकती थी।

हालांकि कोविड-19 के बाद प्रोत्साहन पैकेज की वापसी के बीच टेक कंपनियों ने SVB के पास अपना जमा रकम निकालनी शुरू कर दी। चूंकि बैंक के पास पर्याप्त नकदी नहीं थी, लिहाजा उसने जमाकर्ताओं को रकम वापस करने की खातिर बॉन्डों को नुकसान पर बेचना शुरू कर दिया।

8 मार्च को SVB ने ऐलान किया कि उसे करीब 1.8 अरब डॉलर पूंजी जुटाने की दरकार है। इससे बाजार व उसके जमाकर्ताओं में भय की लहर दौड़ी और फिर बैंक धराशायी हो गया।

First Published - March 13, 2023 | 9:25 PM IST

संबंधित पोस्ट