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इस साल स्मॉल-कैप, मिड-कैप में तेजी के आसार

Last Updated- December 10, 2022 | 2:11 AM IST

करीब ढाई साल तक कमजोर प्रतिफल के बाद छोटे और मझोले पूंजीकरण वाली कंपनियों ने वर्ष 2021 में फिर से वापसी की है और अपने बड़े प्रतिस्पर्धियों को मात दी है। पिछले साल जहां बीएसई मिडकैप सूचकांक ने निवेशकों को 22 प्रतिशत तक का प्रतिफल दिया, वहीं स्मॉलकैप सूचकांक 21 प्रतिशत चढ़ा और ये प्रमुख सूचकांकों के मुकाबले 500-600 आधार अंक ऊ पर थे। ब्रोकरों का मानना है कि इन श्रेणियों में शेयरों का शानदार प्रदर्शन चालू वर्ष में भी बरकरार रहने की संभावना है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि मिडकैप और स्मॉलकैप में लार्जकैप के मुकाबले ज्यादा तेजी आएगी और वर्ष के लिए उसके मुख्य पसंदीदा क्षेत्र मिडकैप और स्मॉलकैप ही हैं। प्रदर्शन का अनुमान इस उम्मीद पर आधारित है कि रिकवरी के चरण के दौरान आय वृद्घि में मजबूती लार्जकैप के मुकाबले अच्छी है। इसके अलावा, इनमें मल्टीपल वृद्घि से भी उनकी पूंजी वृद्घि को ताकत मिली है।
शेयर बाजार की नजर जिस प्रमुख बदलाव पर लगी हुई है, वह यह है कि कम ब्याज दरों और लागत अनुकूलन से इन कंपनियों को परिचालन के मोर्चे पर मदद मिलेगी, साथ ही उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने में भी आसानी होगी। दौलत कैपिटल में इक्विटी प्रमुख अमित खुराना का मानना है कि प्रमुख परिचालन दक्षता का बेहतर इस्तेमाल में अहम योगदान रहेगा, साथ ही कम ब्याज लागत से भी मदद मिलेगी। उनका यह भी मानना है कि सूचकांकों में भारी तेजी (वित्त वर्ष 2021 में अब तक प्रतिफल) के बावजूद बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप के लिए प्रतिफल 72 और 90 प्रतिशत रहा है, जो दीर्घावधि औसत से नीचे बना हुआ है। इन कारकों को देखते हुए हमने ब्रोकरेज फर्मों द्वारा सुझाए गए उन शेयरों को चुना है जिनका भविष्य शानदार है और उन्होंने कम से कम 25 प्रतिशत की तेजी मुहैया कराई है, और ज्यादा महंगे जोन में कारोबार नहीं कर रहे हैं। हालांकि जहां स्मॉलकैप ने लार्जकैप प्रतिस्पर्धियों की तुलना में ज्यादा प्रतिफल दिया है, लेकिन निवेशकों को इन कंपनियों में निवेश के बढ़ते जोखिम को सही तरीके से पहचानने की जरूरत होगी। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा का मानना है कि प्रमुख सूचकांक बेंचमार्क सूचकांकों को मात देंगे, लेकिन निवेशकों को अच्छी गुणवत्ता वाली कंपनियों से जुडऩे की सलाह जरूरी है। वह कहते हैं, ‘स्मॉलकैप और मिडकैप कंपनियों में निवेश करते वक्त ऐसी कंपनियों का चयन जरूरी है तो बुनियादी आधार पर मजबूत हों प्रवर्तक पृष्ठभूमि साफ-सुथरी हो।’
कावेरी सीड्स
ऊंचे मार्जिन वाले गैर-कॉटन व्यवसाय पर भागीदारी बढ़ाने, मजबूत नकदी प्रवाह, और शेयरधारकों को लाभांश तथा पुनर्खरीद के जरिये शानदार रिकॉर्ड इस शेयर के लिए प्रमुख अनुकूल बदलाव हैं।

बिड़ला कॉरपोरेशन
बिड़ला कॉरपोरेशन को करीब 1.55 करोड़ टन क्षमता वृद्घि से विविधता लाने और बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी, जबकि महंगे उत्पादों पर ध्यान बनाए रखने और उत्पाद मिश्रण में सुधार से उसकी प्राप्तियों को मदद मिलने की संभावना है। आनंद राठी रिसर्च में विश्लेषकों के अनुसार, इसके अलावा, लागत अनुकूलन प्रयासों का परिचालन लाभ और प्रतिफल अनुपात पर सकारात्मक असर दिखने की संभावना है।

इंजीनियर्स इंडिया
करीब 9,000 करोड़ रुपये की मजबूत ऑर्डर बुक के साथ वृद्घि की संभावना मजबूत बनी हुई हैं। विश्लेषकों के अनुसार, मजबूत बैलेंस शीट और आकर्षक मूल्यांकन भी सकारात्मक हैं।

फेडरल बैंक
दबावग्रस्त क्षेत्रों के लिए कम जोखिम, ऊंची रेटिंग वाली कंपनियों के लिए निवेश और कर्ज को बट्टेखाते में डालने की बेहतर क्षमता से उधारी लागत नीचे बनी रहने की संभावना है। इसके अलावा, मजबूत देनदारी फ्रेंचाइजी से ज्यादा जोखिम उठाए बगैर बैलेंस शीट बढ़ाने में मदद मिलेगी। ऐम्बिट कैपिटल का कहना है कि इन ताकतों के बावजूद, यह शेयर अपने ऐतिहासिक मूल्यांकनों के मुकाबले नीचे कारोबार कर रहा है और साथ ही छोटे और मझोले स्तर के बैंकों के मुकाबले नीचे है।

एनएचपीसी
विनियमित व्यवसाय मॉडल और क्षमता वृद्घि परिदृश्य ने भारत में सबसे बड़ी पनबिजली निर्माण कंपनी के लिए मजबूत आय संभावना प्रदान की है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि सुधरते परिचालन प्रदर्शन के परिणामस्वरूप ऊंचे प्रोत्साहनों से आय को अतिरिक्त मदद मिलगी।

First Published - January 3, 2021 | 11:36 PM IST

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