निजी क्षेत्र के कर्जदाता आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबर्ग पिनकस एलएलसी और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) मिलकर बैंक में 7,500 करोड़ रुपये निवेश करेंगी। यह निवेश तरजीही शेयरों के माध्यम से होगा, जिसका मकसद बैंक के अगले चरण की वृद्धि को समर्थन देना है।
बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि वारबर्ग पिनकस अपनी सहयोगी कंपनी करंट सी इन्वेस्टमेंट्स बीवी के माध्यम से 4,876 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। वहीं एडीआईए अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी प्लेटिनम इनविक्टस बी 2025 आरएससी के माध्यम से 2,624 करोड़ रुपये निवेश करेगी।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने 1.25 अरब पूर्ण चुकता अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय संचयी अधिमान्यता शेयर (सीसीपीएस) जारी करने को मंजूरी दे दी, जिनमें से 8126.9 लाख सीसीपीएस को 60 रुपये प्रति शेयर की दर से करंट सी इन्वेस्टमेंट्स बीवी को आवंटित किया जाएगा। इसी तरह से 4,371.8 लाख सीसीपीएस का आवंटन प्लैटिनम इनविक्टस बी 2025 आरएससी को 60 रुपये प्रति शेयर की दर से किया जाएगा।
बैंक ने कहा है कि सीसीपीएस के कनवर्जन के बाद पोस्ट-मनी आधार पर करंट सी इन्वेस्टमेंट्स बीवी के पास 9.48 प्रतिशत और प्लैटिनम इन्विक्टस बी 2025 आरएससी के पास बैंक की 5.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। कैपिटलाइन डेटा के मुताबिक देश में निजी क्षेत्र के द्वारा इक्विटी के माध्यम से जुटाई गई चौथी बड़ी धनराशि है। इसके पहले आईसीआईसीआई बैंक ने 15,000 करोड़ रुपये और ऐक्सिस बैंक ने 12,500 करोड़ रुपये और 10,000 करोड़ रुपये जुटाए थे।
इसके अलावा बैंक के बोर्ड ने बैंक की अधिकृत शेयर पूंजी के पुनर्वर्गीकरण को भी मंजूरी दे दी है। बैंक की मौजूदा शेयर पूंजी कुल मिलाकर 4,000 करोड़ रुपये है, जिसमें 12.96 अरब इक्विटी शेयर और 10.38 करोड़ तरजीही शेयर शामिल हैं। नए सिरे से वर्गीकरण के बाद 12.7 अरब इक्विटी शेयर और 1.3 अरब तरजीही शेयर होंगे और कुल मिलाकर शेयर पूंजी 14,000 करोड़ रुपये होगी।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी वी वैद्यनाथन ने कहा, ‘वारबर्ग पिनकस का समर्थन और एडीआईए के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी का हमारा शेयरधारक बनना स्वागत योग्य है। बैंक की विकास योजनाओं पर भरोसा करने के लिए हम उन दोनों का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने अस्थिर वैश्विक परिस्थितियों में भी हम पर भरोसा जताया है।’बैंक अब मजबूत मुनाफे की ओर बढ़ गया है और अब ऐसी स्थिति में है, जब आय में निरंतर वृद्धि होगी और यह परिचालन व्यय से ज्यादा होगा। इससे परिचालन मुनाफे में वृद्धि होगी।