facebookmetapixel
कहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोकEditorial: वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अहम मोड़भारत की एफडीआई कहानी: विदेशी निवेशकों को लुभा सकते है हालिया फैक्टर और मार्केट सुधारभारत की हवा को साफ करना संभव है, लेकिन इसके लिए समन्वित कार्रवाई जरूरीLuxury Cars से Luxury Homes तक, Mercedes और BMW की भारत में नई तैयारीFiscal Deficit: राजकोषीय घाटा नवंबर में बजट अनुमान का 62.3% तक पहुंचा

रिजर्व बैंक ने की 2,069 करोड़ रुपये के बॉन्डों की पुनर्खरीद

बाजार से जुड़े हिस्सेदारों ने कहा कि बैंकों ने घाटे पर प्रतिभूतियां बेचने से इनकार कर दिया, जिसके कारण खरीद कम हुई।

Last Updated- May 16, 2024 | 10:00 PM IST
FPI registration process will be easier for government bond investors: SEBI सरकारी बॉन्ड निवेशकों के लिए आसान होगी FPI रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया: SEBI

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को 2,069 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्डों की पुनर्खरीद की है, जबकि अधिसूचित राशि 60,000 करोड़ रुपये थी। बाजार से जुड़े हिस्सेदारों ने कहा कि बैंकों ने घाटे पर प्रतिभूतियां बेचने से इनकार कर दिया, जिसके कारण खरीद कम हुई।

एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘ज्यादातर प्रतिभूतियां कोविड के दौरान ज्यादा मूल्य पर खरीदी गईं और रिजर्व बैंक उस स्तर पर भुगतान करने को तैयार नहीं था। यही वजह है कि उन्होंने छोटी राशि की खरीदारी की।’

बाईबैक के लिए 6.18 प्रतिशत जीएस 2024, 9.15 प्रतिशत जीएस 2024, 6.89 प्रतिशत जीएस 2025 प्रतिभूतियां चिह्नित की गई हैं, जो क्रमशः 4 नवंबर, 14 नवंबर और 16 जनवरी को परिपक्व हो रही हैं।

6.18 प्रतिशत जीएस प्रतिभूतियों के लिए कुल 26,877.161 करोड़ रुपये की पेशकश मिलने के बावजूद रिजर्व बैंक ने केवल 552.999 करोड़ रुपये की 6 बोलियां स्वीकार की, जिसकी कट ऑफ प्राइस 99.61 रुपये थी। इसी तरह से 9.15 प्रतिशत जीएस के लिए उसने कुल 6,479.791 करोड़ रुपये की 12 पेशकश में से 1,513 करोड़ रुपये की दो बोलियां स्वीकार की।

वहीं 6.89 प्रतिशत जीएस 2025 की 7,238.497 करोड़ रुपये की 27 पेशकश में से रिजर्व बैंक ने 99.86 रुपये कट आफ प्राइस पर 4 करोड़ रुपये की एक बोली स्वीकार की।

यह बाईबैक 9 मई की पहले की नीलामी के बाद की गई, जब रिजर्व बैंक ने 10,512.993 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियां खरीदी थीं, जो घोषित 40,000 करोड़ रुपये की तुलना में उल्लेखनीय रूप से कम है।

First Published - May 16, 2024 | 10:00 PM IST

संबंधित पोस्ट