भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की गई 43 दिन की वैरिएबल रेट रीपो (वीआरआर) नीलामी की मांग सुस्त रही है। निवेशकों की ओर से इसे 25,431 करोड़ रुपये की बोली मिली है, जबकि अधिसूचित राशि 1.5 लाख करोड़ रुपये थी। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) नीलामी के माध्यम से 40,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियां खरीदी हैं।
एक प्राथमिक डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘वीआरआर नीलामी की बहुत मांग नहीं रही, क्योंकि मुद्रा बाजार दरें गिरकर 6 प्रतिशत से नीचे आ गई हैं और 6.01 प्रतिशत भुगतान का कोई मतलब नहीं बनता है, जब ओवरनाइट रेट 5.80 प्रतिशत पर कारोबार कर रहा है।’
रिजर्व बैंक ने ओएमओ नीलामी के माध्यम से बैंकिंग व्यवस्ता में अब तक 3.3 लाख करोड़ रुपये डाले हैं। वहीं उसने दीर्घावधि वीआरआर नीलामी के माध्यम से 2.2 लाख करोड़ रुपये डाले हैं। एक और प्राथमिक डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘ओएमओ नीलामी का कट-ऑफ बाजार मूल्य से अधिक था, क्योंकि बाजार का विचार था कि रिजर्व बैंक का लाभांश आने के बाद कोई ओएमओ नीलामी नहीं होगी। ऐसे में वे पहली तिमाही के लिए अब प्रॉफिट बुकिंग कर रहे हैं।’