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RBI के एक्शन से कुछ NBFC के लिए कारोबार में बढ़ सकती है अस्थिरता: Fitch

बैंकों और एनबीएफसी पर RBI के एक्शन की एक सीरीज ने पिछले दो वर्षों की तुलना में इस सेक्टर के लिए नियामक घटना जोखिम (regulatory event risk) को बढ़ा दिया है।

Last Updated- May 16, 2024 | 6:26 PM IST
RBI

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) पर नियामक कार्रवाइयों से कुछ कंपनियों के लिए निकट अवधि के व्यापार में अस्थिरता बढ़ सकती है।

रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को एक बयान में कहा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा कॉर्पोरेट प्रशासन और जोखिम प्रबंधन को मजबूत करने के प्रयासों से उद्योग के जोखिम कम हो सकते हैं। मगर इससे निकट अवधि में कुछ कंपनियों के व्यापार में अस्थिरता बढ़ सकती है।

कुछ NBFC के लिए कारोबार में बढ़ सकती है अस्थिरता

फिच ने एक बयान में कहा कि फाइनैंशियल सेक्टर में विनियमों (regulations) की हमेशा और लगातार एकसमान व्याख्या नहीं की जाती है और कंपनियों द्वारा इसे अलग-अलग तरह से लागू किया जाता है। यह सेक्टर तेजी से विकसित हुआ है लेकिन मौजूदा हालात वित्तीय पर्यवेक्षण (financial supervision) को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकते है और अनुपालन और शासन संबंधी खामियों में योगदान दे सकता है।

बैंकों और एनबीएफसी पर RBI के एक्शन की एक सीरीज ने पिछले दो वर्षों की तुलना में इस सेक्टर के लिए नियामक घटना जोखिम (regulatory event risk) को बढ़ा दिया है।

NBFC को मौजूदा नियामक सीमा का पालन करना चाहिए- RBI

मार्च में, RBI ने IIFL फाइनेंस लिमिटेड को नए गोल्ड लोन और संबंधित ऑफ-बैलेंस शीट फंडिंग लेनदेन को रोकने के लिए कहा। 20,000 रुपये से अधिक के गोल्ड लोन का नकद वितरण कंपनी के व्यवसाय में पाई गई कई कमियों में से एक था। फिच इनमें से कुछ कमियों को अधिक गंभीर मानता है।

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RBI ने हाल ही में कहा था कि एनबीएफसी को प्रति बकाया सुविधा 20,000 रुपये (लगभग 240 डॉलर) से कम नकद लोन के वितरण पर मौजूदा नियामक सीमा का पालन करना चाहिए। इसकी तुलना सामान्य नकद लेनदेन पर 2,00,000 रुपये की ऊंपरी सीमा से की जाती है, जिसे कुछ उधारदाताओं ने एक सीमा के रूप में अपनाया था।

NBFC ने ऐतिहासिक रूप से उच्च जोखिम सहनशीलता का प्रदर्शन किया

फिच ने कहा, कई एनबीएफसी ने ऐतिहासिक रूप से उच्च जोखिम सहनशीलता का प्रदर्शन किया है, जिसमें तेजी से विकास की भूख और कम तरलता बफर शामिल हैं। इस तरह के अभ्यास ने 2018-2019 में एनबीएफसी विफलताओं में योगदान दिया।

उसके बाद, कई फाइनैंशियल कंपनियों ने अल्पकालिक फंडिंग में कटौती करने, पूंजी जुटाने और जोखिम भरी संपत्तियों को छोड़ने के लिए कदम उठाए। वित्तीय वर्ष 2022 (FY22) में बड़े फिच-निगरानी वाले एनबीएफसी के लिए ऋण/इक्विटी वित्त वर्ष 2018 में 5.9x से कम होकर 4.3x हो गई। फिच ने कहा, हालांकि, जोखिम की भूख बढ़ने लगी है क्योंकि आर्थिक पृष्ठभूमि अधिक अनुकूल हो गई है।

First Published - May 16, 2024 | 6:26 PM IST

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