ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ने 15 जनवरी तक येन मूल्य में हरित बॉन्ड जारी कर 50 करोड़ डॉलर तक जुटाने के लिए बैंकर नियुक्त किए हैं। आरईसी के वित्त निदेशक अजय चौधरी ने गुरुवार को रॉयटर्स को यह जानकारी दी।
चौधरी ने कहा कि सरकारी कंपनी आरईसी हरित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को धन देने के लिए 5 साल और 10 साल के बॉन्डों के माध्यम से क्रमशः 30 से 50 करोड़ डॉलर जुटाएगी।
कंपनी ने प्रस्तावित बॉन्ड जारी करने के लिए डीबीएस बैंक, मिजुहो, एमयूएफजी और एसएमबीसी निक्को को जॉइंट लीड मैनेजर्स नियुक्त किया है। कंपनी द्वारा नियुक्त एक विदेशी बैंक के सूत्र ने इसके ब्योरे की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने नाम सार्वजनिक किए जाने से इनकार करते हुए कहा कि वह मीडिया से बातचीत के लिए अधिकृत नहीं हैं।
चौधरी ने कहा कि आरईसी ने अभी तक इश्यू के ब्योरों को अंतिम रूप नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि कंपनी येन बाजार पर ध्यान दे रही है क्योंकि डॉलर बॉन्ड बाजार में दरें ज्यादा हैं और इसमें 20 प्रतिशत विदहोल्डिंग टैक्स भी शामिल है, जो हतोत्साहित करने वाला है।
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उन्होंने कहा, ‘येन बाजार में ब्याज बहुत कम है और इससे जुड़ा विदहोल्डिंग टैक्स भी कम होगा।’विदहोल्डिंग टैक्स ऐसा कर है, जो उन विदेशी निवेशकों द्वारा कमाए गए ब्याज पर लागू होता है, जो रुपये पर केंद्रित भारतीय डेट साधनों में निवेश करते हैं। भारतीय कंपनियों द्वारा डॉलर बॉन्ड से 2023 में जुटाया गया धन 14 साल के निचले स्तर पर रहा है।
चौधरी ने कहा कि प्रस्तावित इश्यू का पूरी तरह हेज्ड लागत करीब 6 से 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। यह सितंबर के अंत तक उधारी की औसत घरेलू लागत 7.20 प्रतिशत से कम है। भारत में 10 साल के बॉन्ड पर बॉन्ड प्रतिफल और सावधि ऋण की दरें इस समय 7.7 प्रतिशत से 7.8 प्रतिशत है।
कंपनी ने येन केंद्रित सावधि ऋण बाजार में संभावनाएं तलाशीं और अप्रैल से दिसंबर 2023 के बीच 70 करोड़ डॉलर ऋण लिया। कंपनी का येन में ऋण करीब 1.2 अरब डॉलर है। चौधरी ने कहा, ‘हम इस समय विदेश पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। खासकर येन पर, क्योंकि यह सस्ता है।’